ग्वालियर। ठंडी सड़क(दतिया) पर स्थित प्राचीन गणेश मंदिर तंत्र साधना के लिए विशेष माना जाता है। गणेश मंदिर का निर्माण दतिया के तत्कालीन नरेश इंद्रजीत सिंह जू देव ने करवाया था। राजशाही काल में इस मंदिर पर देश भर से साधक तंत्र सिद्धि के लिए मंदिर पर आते थे। यह भी पढ़ें- गणेश चतुर्थी 5 सितंबर को, ऐसे करें पूजा मिलेगा गणपति का आशीर्वादतीन खंड बावड़ी पर बने इस मंदिर में भगवान गणेश की प्रतिमा एक साधक के रूप में साधना करते हुए विराजमान है। भगवान श्रीगणेश का बिग्रह चार भुजाधारी है। भगवान गणेश एक हाथ में वेद, दूसरे हाथ में माला, तीसरे हाथ में शत्रुओं का नाश करने के लिए फर्शा और चौथे हाथ में पुष्प लिए हैं। यह भी पढ़ें- पंचमुखी गणेश होते हैं अत्यधिक शुभ और मंगलमयी कहा जाता है कि दतिया के गणेश मंदिर के बाद ऐसी प्रतिमा मुंबई में स्थित सिद्धि विनायक मंदिर में ही स्थापित है। शहरवासी इस मंदिर को बड़े गणेश मंदिर या सिद्धि विनायक मंदिर के नाम से जानते हैं।