ग्वालियर

गांधी परिवार की क्यो होती है सुरक्षा, कितने घातक हथियारों से लैस होते हैं एसपीजी कमांडो, जानिए

गांधी परिवार की सुरक्षा को लेकर ग्वालियर हाईकोर्ट में दाखिल की गई है पीआईएल

ग्वालियरNov 15, 2019 / 05:12 pm

monu sahu

गांधी परिवार की क्यो होती है सुरक्षा, कितने घातक हथियारों से लैस होते हैं एसपीजी कमांडो, जानिए

ग्वालियर। भारत देश में वीवीआईपी लोगों की लाइफ स्टाइल अलग ही होती है और उनके उपर मंडराते खतरे को देखते हुए उनके लिए सुरक्षा के विशेष इंतजाम भी किए जाते हैं। देश में सबसे लंबे समय तक सत्ता पर काबिज रहे गांधी परिवार को हमेशा से ही सिक्योरिटी की बेहद मजबूत दायरा मिलता रहा है ताकि उनकी सुरक्षा में कोई सेंध ना लगा सके। लेकिन वर्तमान मोदी सरकार ने गांधी परिवार की एसपीजी सुरक्षा को हटा दिया गया है। इसके बजाय गांधी परिवार को अब एसपीजी की जगह जेड प्लास सुरक्षा मिलेगी। अब केंद्रीय रिजर्व पुलिस बल के कमांडो राहुल गांधी,प्रियंका गांधी वाड्रा और सोनिया गांधी की सुरक्षा में तैनात होंगे।
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आपको बता दें कि एसपीजी सुरक्षा देश की सबसे पेशेवर और आधुनिकतम सुरक्षा बलों में से एक है और एसपीजी देश के प्रधानमंत्री के साथ इंडिया के दौरे पर आए अति विशिष्ट अतिथि की सुरक्षा का भी जिम्मा संभालती है। गांधी परिवार की सुरक्षा हटाने को लेकर ग्वालियर हाईकोर्ट में पीआईएल दाखिल की गई है। जिसकी सुनवाई 15 नवंबर यानि की आज है। लेकिन हम आपको बता रहे हैं कि गांधी परिवार की सुरक्षा कौन करता है और क्या होती है एसपीजी। तो आइए जानते हैं कितने घातक हथियारों से लैस होते हैं एसपीजी कमांडो।
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क्या है एसपीजी
स्पेशल प्रोटेक्शन ग्रुप (SPG) का गठन 1984 में इंदिरा गांधी की हत्या के बाद किया गया था। इनके पास प्रधानमंत्री,पूर्व प्रधानमंत्री और प्रधानमंत्री के परिजनों की सुरक्षा की जिम्मेदारी होती है। इससे पहले पीएम दिल्ली पुलिस की सुरक्षा में रहते थे। एसपीजी में 3 हजार से ज्यादा जवान है। इनमें बीएसएफ,सीआईएसएफ और अन्य फोर्स के जवान शामिल होते हैं। भारत के प्रधानमंत्री, उनका परिवार तथा पूर्व प्रधानमंत्रीगण, पूर्व राष्ट्रपति की सुरक्षा, इस विशेष सुरक्षा टुकड़ी की ज़िम्मेदार होती है। एसपीजी जवानों का चयन पुलिस, पैरामिलिट्री फोर्स से किया जाता है। यह विशिष्ट बल सीधे केंद्र सरकार के मंत्रिमण्डलीय सचिवालय के अधीन है, और आईबी के अंतर्गत उसके एक विभाग के रूप में कार्य करती है।
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भारतीय प्रधानमंत्री पर प्रति क्षण मण्डरा रहे आत्मघाती संकट के मद्देनज़र, प्रधानमंत्री की सुरक्षा बेहद महत्वपूर्ण और चुनौतीपूर्ण विषय है। एसपीजी, देश की सबसे पेशेवर एवं आधुनिकतम सुरक्षा बालों में से एक है। एसपीजी जवान पीएम की सुरक्षा में दो स्तरों पर काम करते हैं। बाहरी सुरक्षा वाले हथियारबंद एसपीजी जवान हमेशा कॉम्बेट मोड में रहते हैं। वहीं अंदरूनी सुरक्षा वाले जवान ब्लैक सूट में रहते हैं।
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know how many commandos are armed” src=”https://new-img.patrika.com/upload/2019/11/15/spg_5368750-m.jpg”> बेहद घातक हथियरों से होते हैं लैस
SPG कमांडोज एक लाइट वेट बुलेटप्रूफ जैकेट पहनते हैं । बताया जाता है कि ये AK 47 से चलाई गई गोली को भी झेल सकती है। ये कमांडोज ऑटोमेटिक गन FNF-2000 असॉल्ट राइफल से लैस होते हैं और इनके पास ग्लॉक 17 नाम की एक पिस्टल भी होती है। अपनी ड्यूटी के दौरान आपस में साथी साथी कमांडो से बात करने के लिए ये कान में लगे ईयर प्लग का सहारा लेते हैं। ये कमांडोज खास किस्म का चश्मा भी पहनते हैं, जो उन्हें किसी भी प्रकार का व्यवधान नहीं होने देता हैं और उन्हें हमले के दौरान सुरक्षा भी प्रदान करते हैं।
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Gandhi family SPG security know how many commandos are armed
SPG देश की सबसे पेशेवर एवं आधुनिकतम सुरक्षा बलों में से एक
एसपीजी के जवान, प्रधानमंत्री को 24 घंटे एक विशेष सुरक्षा घेरा प्रदान करते है तथा उनकी अंगरक्षा,अनुरक्षण एवं उनके आवासों, विमानों और वाहनों की सुरक्षा, आरक्षा एवं अनुरक्षणिक जाँच प्रदान करती है। एसपीजी के जवानों को सुरक्षा, अंगरक्षा, अनुरक्षण एवं अनुरक्षणिक जाँच हेतु विशेष एवं पेशेवर परिक्षण, उपकरण और पोषक प्रदान की जाती है तथा दृढ अनुशासन में रखा जाता है ताकि प्रधानमंत्री को सुरक्षा प्रदान करने में वे लोग पूर्णतः सक्षम रहें।
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पूर्वी पीएम इंदिरा गांधी की हत्या के बाद हुई थी इस बल की जरुरत
प्रधानमंत्री की अंगरक्षा हेतु एक विशेष सुरक्षा दल की आवश्यकता पहली बार प्रधानमंत्री इंदिरा गांधी की हत्या के बाद महसूस हुई थी, तत्पश्चात्, 1988 में एसपीजी को आईबी की एक विशेष अंग के रूप में, सीधे केंद्र सरकार के अंतर्गत एक सुरक्षा टुकड़ी के रूप में गठित किया गया था। एसपीजी के गठन से पूर्व 1989 से पहले राष्ट्रीय राजधानी में, प्रधानमंत्री की सुरक्षा दिल्ली पुलिस की एक विशेष अंग के अंतर्गत थी।
तत्पश्चात् प्रधानमंत्री की अनुरक्षण एवं विशिष्ट सुरक्षा घेरा प्रदान करने हेतु, आसूचना ब्यूरो ने एक विशेष कार्य बल गठित किया। इंदिरा गांधी की हत्या के पश्चात् विशेष सुरक्षा दल को एक स्वतंत्र निर्देशक के अंतर्गत स्थापित किया गया, जोकि राजधानी, देश तथा विश्व के हर कोने में, जहाँ प्रधानमंत्री जाएँ, वहां उनको सुरक्षा प्रदान करे। राष्ट्रीय राजधानी क्षेत्र, देश के अन्य हिस्से, तथा विदेशी दौरों पर, हर स्थान, हर क्षण, प्रधानमंत्री की अंगरक्षा एवं किसी भी प्रकार के हमले से उनकी सुरक्षा, एसपीजी की ज़िम्मेदारी होती है। प्रधानमंत्री की अंगरक्षा के अलावा, एसपीजी, प्रधानमंत्री आवास, प्रधानमंत्री कार्यालय तथा हर वह स्थान जहाँ प्रधानमंत्री वास करते है, उसकी सुरक्षा एसपीजी करती है। साथ ही प्रधानमंत्री के तत्काल परिवार एवं पूर्व प्रधानमंत्रियों और उनके परिवारों की सुरक्षा (पदत्याग के बाद 1 साल तक) भी एसपीजी करती है।

गांधी परिवार की एसपीजी सुरक्षा हटाए पर हाईकोर्ट में PILदाखिल
केंद्र की मोदी सरकार द्वारा कांग्रेस अध्यक्ष सोनिया गांधी, पूर्व अध्यक्ष राहुल गांधी एवं महासचिव प्रियंका गांधी की एसपीजी (एसपीजी स्पेशल प्रोटेक्शन ग्रुप) सुरक्षा वापस लिए जाने पर इसे फिर से बहाल किए जाने के निर्देश दिए जाने की मांग को करते हुए उच्च न्यायालय खंडपीठ ग्वालियर में जनहित याचिका 11 नवंबर प्रस्तुत की गई है। इस याचिका पर 15 नवंबर को सुनवाई होगी। एडवोकेट उमेश कुमार बोहरे द्वारा प्रस्तुत याचिका में कहा गया कि गृह मंत्रालय द्वारा लिए गए इस निर्णय के बाद उन्हें अब जेड प्लस सुरक्षा दी जाएगी। याचिका में पत्रिका में 9 नवंबर 2019 को प्रकाशित गांधी परिवार से एसपीजी सुरक्षा हटाए जाने की खबर को आधार बनाया गया है। याचिका में प्रमुख सचिव प्रधानमंत्री कार्यालय, गृह विभाग के सचिव, निदेशक गृह मंत्रालय भारत सरकार,सचिव रक्षा मंत्रालय को पार्टी बनाया गया है।
इस तरह दी जाती है एसपीजी सुरक्षा
1981 में पूर्व प्रधानमंत्री की सुरक्षा की जिम्मेदारी डिप्टी पुलिस कमिश्नर दिल्ली के पास थी। बाद में इंटेलीजेंस ब्यूरो द्वारा स्पेशल टास्क फोर्स का गठन किया गया। पूर्व प्रधानमंत्री इंदिरा गांधी की हत्या होने के बाद सरकार ने प्रधानमंत्री की सुरक्षा को और मजबूत करने के लिए कमेटी गठित की थी। इस कमेटी की सिफारिश पर स्पेशल प्रोटेक्शन ग्रुप का गठन किया गया। 2 जून 1988 को स्पेशल प्रोटेक्शन ग्रुप एक्ट लागू किया गया जिसकी धारा 4 के अंतर्गत देश के प्रधानमंत्री एवं उनके परिवार के सदस्यों को एसपीजी सुरक्षा प्रदान की जाती है एवं पूर्व प्रधानमंत्री और उनके परिवार के सदस्यों को दस साल के लिए पद से हटने के बाद तक तथा किसी पूर्व प्रधानमंत्री या उनके परिवार के किसी सदस्य को धमकी दिए जाने की स्थिति में दस वर्ष के बाद भी एसपीजी सुरक्षा प्रदान की जाती है। वर्ष 2003 में दस वर्ष की सीमा को एक साल कर दिया गया। अभी तक यह सुविधा पूर्व प्रधानमंत्री मनमोहन सिंह को भी दी जाती थी लेकिन अगस्त 2019 में उनकी सुरक्षा भी हटा ली थी।

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