भोपाल से निजामुद्दी जा रहीं डॉ.शबाना खान ट्रेन के ए-टू कोच की बर्थ-31 पर थीं। मंगलवार रात 12.25 बजे तक उन्होंने अपनी मां से भोपाल में मोबाइल पर बात की। इसके बाद वह अपने कीमती सामान का एक छोटा पर्स तकिए के नीचे रखकर सो गईं। ग्वालियर आने से पहले उनकी आंख खुली तो पर्स गायब था। ट्रेन ग्वालियर आने पर किसी ने बताया कि बाथरूम के गेट के पास एक बैग पड़ा है, डॉ.शबाना ने जाकर देखा तो बैग उन्हीं का निकला, लेकिन उसके अंदर रखी विदेशी मुद्रा सहित कीमती सामान गायब था। ग्वालियर में जीआरपी के स्टाफ के पहुंचने से पहले ही ट्रेन चलने लगी, इस पर यात्रियों ने उनसे कहा कि आगरा में रिपोर्ट लिखा दें, लेकिन आगरा में भी जीआरपी को कोई कर्मचारी नहीं आया। परेशान महिला ने निजामुद्दीन पहुंचकर जीआरपी थाने में रिपोर्ट की। जीआरपी ने एफआईआर दर्ज कर ली है। चोरी गए सामान में 15 हजार रुपए कैश के साथ विदेशी मुद्रा, सोने के आभूषण व अन्य कीमती सामान था।
बीमार मां को देखने आई हैं निजामुद्दीन
मूलत: भोपाल की रहने वाली डॉ.शबाना पत्नी डॉ.सलीम अख्तर 20 साल पहले भारत छोडकऱ शारजहां में जाकर बस गईं। वह साल में एक बार भारत अपने मायके निजामुद्दीन आती हैं। वृद्ध बीमार मां और भाई निजामुद्दीन में ही रहते हैं। मां काफी दिनों से बीमार थीं, उन्हें देखने के लिए वह निजामुद्ीन जा रही थीं।
मोबाइल, पासपोर्ट और लैपटॉप छोड़ गए
उनके पर्स में दो कीमती मोबाइल, पासपोर्ट व अन्य कीमती कागजात रखे हुए थे, लेकिन चोर इन्हें नहीं ले गए। पर्स के अंदर एटीएम व अन्य सामान था, वहीं पास में लैपटॉप रखा था। लैपटॉप के बैग की चेन खुली मिली है, लेकिन उसमें से कुछ सामान नहीं गया है।
यात्रियों ने मदद कर दिए पैसे
कैश और अन्य सामान चोरी होने पर इसी कोच में भोपाल से बैठे तीन यात्रियों ने महिला की परेशानी देखते हुए घर तक जाने के लिए पैसे देकर जीआरपी थाने ले जाकर रिपोर्ट लिखवाई। डॉ.शबाना ने पत्रिका को मोबाइल बताया कि मेरे साथ भोपाल से जो साथी बैठे थे, उनसे ही में देर तक रात को बात करती रही। उन्होंने बताया कि चोरी गए सामान की कीमत लगभग सवा पांच लाख रुपए है।