ग्वालियर। जीवाजी यूनिवर्सिटी (जेयू) द्वारा शनिवार देर रात घोषित बीएससी छठवें सेमेस्टर के रिजल्ट में 10 हजार से अधिक छात्रों का रिजल्ट विदहेल्ड हो गया है। रिजल्ट देखते ही छात्रों के होश उड़ गए। उन्होंने जेयू के अधिकारियों को फोन लगाकर इसका कारण भी जाना, लेकिन उन्होंने उन्हें ही दोषी ठहरा दिया। जानकारों के अनुसार यहां सबसे बड़ा सवाल यह उठता है कि जब छात्रों के पिछले सेमेस्टर पूरे नहीं थे, तो उन्हें परीक्षा फॉर्म भरने की अनुमति कैसे दी गई? फिलहाल अफसर अपनी गलती झुपाने के लिए छात्रों को ही दोषी ठहराने में जुट गए हैं। यह भी पढ़ें- JOBS: सरकारी नौकरी पाने का सुनहरा मौका दरअसल, एमपी ऑनलाइन का करेक्ट डाटा लाख कोशिशों के बाद भी ठीक नहीं हो सका। असफल अधिकारियों ने लेट होते सत्र के कारण हड़बड़ी में बीएससी छठवें सेमेस्टर का रिजल्ट घोषित कर दिया। इससे पूर्व घोषित बीए और बीकॉम छठवें सेमेस्टर के रिजल्ट में भी विदहेल्ड छात्रों की संख्या करीब 8 हजार के आसपास बताई जा रही है।यह भी पढ़ें- एक कॉलेज ऐसा भी जिसने अपनी ही मर्जी से 25 की जगह बढ़ा दीं 200 फीसदी सीटेंपीजी में एडमिशन खटाई में जिन यूजी छात्रों ने पांचवें सेमेस्टर के आधार पर पीजी कक्षाओं में एडमिशन लिया है, उन्हें किसी तरह छठवां सेमेस्टर क्लीयर कर 27 जुलाई से पहले अपने कॉलेज में दाखिला लेना है। ऐसे में रिजल्ट विदहेल्ड होने से छात्रों के सामने बड़ा संकट पैदा हो गया है।यह भी पढ़ें- अस्पताल में जरूरत की सामग्री का स्टॉक लगभग खत्म20 हजार पर पहुंची संख्या सूत्रों के अनुसार यूजी छठवें सेमेस्टर में विदहेल्ड और एटीकेटी छात्रों की संख्या करीब २० हजार पहुंच चुकी है। जबकि परीक्षा में 45 हजार छात्र शामिल हुए हैं। छात्रों का कहना है, उनका रिजल्ट जानबूझकर विदहेल्ड किया गया है। जबकि उनके पिछले सभी सेमेस्टर क्लीयर हैं।यह भी पढ़ें- अरे ये क्या, विश्वविद्यालय की राशि तक पचा गए कॉलेज संचालक यह भी पढ़ें- मंत्रीजी, सुन रहे हैं- आपके अस्पताल में तो साधारण से इंजेक्शन और सिरिंज तक नहीं हैं“जिन छात्रों ने अपने पिछले सेमेस्टर क्लीयर न करने के साथ ही जरूरी दस्तावेज जमा नहीं किए हैं, उनका परीक्षा परिणाम रोका गया है। कमी पूरी करने के बाद रिजल्ट जल्द घोषित कर दिया जाएगा।” – अरुण चौहान, डीआर, जेयू