झांसी रोड थाने से विक्की फैक्ट्री
-मंशापूर्ण माता मंदिर गेट के दोनों 25 मकान बने हैं, यहां बिजली से लेकर पानी तक सभी सुविधाएं हैं।
-गेट से विक्की फैक्ट्री की ओर 80 मकान पुराने हैं और 30 मकान नए बन गए हैं।
-इन मकानों को बनाने के लिए कब्जा करने वालों ने सडक़ किनारे बने मिट्टी के टीलों को खोदकर समतल कर लिया है।
-विक्की फैक्ट्री से रेलवे क्रॉसिंग तक मिट्टी के टीलों को 10 जगह इस तरह से काटा गया है कि सामने से देखने पर अतिक्रमण नजर ही नजर ही नहीं आता है, और पीछे की जमीन को समतल करके झोपड़ी,पाटौर आदि बना ली हैं।
मोहनपुर-जारगा
-हाइवे से जारगा की ओर पहाड़ी के किनारे की जमीन को कब्जाने के लिए लोगों ने अपने निशान लगा दिए हैं, यहां की जमीन को अतिक्रमण कर्ता अभी मकान न बनाने की शर्त पर दूसरे को बेच रहे हैं।
-मोहनपुर, बड़ागांव और खुरैरी के असामाजिक तत्वों ने हाइवे बनने के बाद समतल हुई मुरम की पहाड़ी की जगह को प्लॉट के रूप में अवैध तरीके से बेचना शुरू कर दिया है। यहां गरीब तबके के लोगों को एक से डेढ़ लाख रुपए में फंसाया जा रहा है।
मोतीझील पहाड़ी (कृष्णानगर)
-पुरानी छावनी मौजे में मोतीझील पहाड़ी क्षेत्र में एक पहाड़ी पर भू माफिया ने 50 हैक्टेयर जमीन पर कृष्णानगर बस्ती बसा दी है। इस बस्ती में पीछे की ओर अनुसूचित जाति वर्ग के बहुसंख्य मकान बन गए हैं। जबकि आगे के हिस्से में सभी वर्गों ने लंबी-चौड़ी जगहों पर मकान बना लिए हैं। जबकि जिन मकानों को तीन साल पहले तोड़ा गया था, वे भी अब दोबारा बन गए हैं।
मोतीझील पहाड़ी (रहमतनगर)
40 हैक्टेयर की ऊंची-नीची पहाड़ी पर ज्यादातर मकान अल्पसंख्यक वर्ग के बन गए हैं। इन अवैध मकानों को भू माफिया द्वारा तीन से चार साल पहले सरकारी जमीन बेचकर बनवाया गया है। पहाड़ी पर वर्तमान में 350 से अधिक छोटे-बड़े घर बने हैं।
कैंसर पहाड़ी
-हॉस्पिटल की ढलान से लेकर मांडरे की माता से पहले तक की सरकारी जमीन पर अतिक्रमणकारियों ने कब्जा कर लिया है। इस जमीन पर 400 से अधिक मकान बन गए हैं। खास बात यह है कि बीते वर्ष एक छोटी बच्ची के साथ हुई घटना के बाद असामाजिक तत्वों का अड्डा बने इस क्षेत्र के अतिक्रमण को हटाने का प्लान बना लिया था, लेकिन राजनीतिक दखलअंदाजी ने सारी कार्रवाई को ठंडे बस्ते में पहुंचा दिया।
सरकारी जमीनों पर चिन्हित अतिक्रमण हटाने की कार्रवाई लगातार अमल में लाई जा रही है, जिन जगहों पर अतिक्रमण हो रहा है, वहां की जांच क्षेत्रीय एसडीएम कर रहे हैं, जमीनों के दस्तावेज परीक्षण के साथ ही बेजा कब्जे हटाने की कार्रवाई भी होगी।
अनुराग चौधरी, कलेक्टर