निर्वाचन कार्यालय ने जिले की छह विधानसभा में उपयोग होने वाली 127 प्रकार की सामग्री के रेट तय किए गए हैं। इसके लिए तीन सदस्यीस कमेटी बनाई गई थी। इस कमेटी में पीडब्ल्यूडी के कार्यपालन यंत्री ओमहरि शर्मा, आरटीओ एचके सिंह, सहायक राज्यकर अधिकारी सायरा खान, अपर आयुक्त आरके श्रीवास्तव को शामिल किया गया था। कमेटी ने बाजार से भाव लेकर रेट तय किए थे। प्रचार में शामिल होने वाले वाहन का किराया भी तय किया गया है। बस, लोडिंग सहित निजी (कार) वाहन के रेट तय हुए हैं। आपत्ति के बाद समिति ने रेट में बदलाव भी किया था। आचार संहिता के बाद हर जिले की अपनी रेट तय हो गई है। दूसरे जिलों की तुलना में ग्वालियर में कम सामग्री शामिल की गई है।
भोपाल में 400, छोटे जिलों में 250 से अधिक की सूची
पत्रिका ने दूसरे जिलों के रेट लिस्ट की पड़ताल की तो भोपाल ने 400 से अधिक सामग्री के रेट तय किए हैं। जबलपुर ने 327 से अधिक की रेट लिस्ट घोषित की है। छोटे-छोटे जिलों में 250 से अधिक सामग्री है। लेकिन ग्वालियर में 127 प्रकार की ही सामग्री के रेट ही तय किए गए हैं। इस कारण प्रत्याशियों की खर्च में काफी बचत हो जाएगी।
प्रत्याशियों पर है लक्जरी गाड़ियां
– चुनाव रेट लिस्ट में इनोवा व स्कॉर्पियो को शामिल किया गया है, लेकिन मंत्री व विधायकों के पास अपनी खुद की लक्जरी गाडियां हैं। काफिले में महंगी गाडिय़ां दौड़ रही हैं।
– प्रत्याशी की सभा में आने वाले हेलीकॉप्टर के लिए हेलीपैड भी बनाया जाता है। जिसका रेट तय रहते हैं। इस बार रेट तय नही हुए हैं।
– नामांकन दाखिल करने के बाद प्रत्याशी अपने चुनाव प्रचार व सभा का खर्च देगा। उस दौरान निर्वाचन के अधिकारी मौके पर पहुंचेगे, जो सामग्री की निगरानी कर खर्च में जोड़ेंगे।
– सभा स्थलों के रेट भी नहीं जारी हुए।
इनका उपयोग होने पर कैसे तय होंगे रेट
– आतिशबाजी
– हेलीकॉप्टर
– रजाई व कवर के साथ रजाई
– बफे भोजन
– लाइन मीनू बफे भोजन
– स्वल्प आहार बफे
– सोन पपड़ी
– महंगी मिठाई
– स्टील जग व ट्रे
– केमिकल युक्त टॉयलेट
– टैंट की सीलिंग
– तकिये व लोड, कंबल
– स्टेज की सीढ़ी
– परदा
इनका कहना है
हेलीकॉप्टर का किराया को रेट लिस्ट में शामिल नहीं कर पाए हैं। हेलीकॉप्टर के किराए को लेकर फिर से विचार किया जाएगा।
ओमहरि शर्मा, कार्यपालन यंत्री पीडब्ल्यूडी
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