फसलें बिगड़ीं
सर्दियों के इंतजार में फसल बिगड़ रही है। बिना पलेवा की जो सरसों बोई गई थी, वह खराब हो गई है। सब्जियों के उत्पादन पर भी असर पड़ रहा है। मौसम विभाग के अनुसार 25 नवंबर के बाद ही सर्दी में बढ़ोतरी हो सकती है।
अक्टूबर के अंत तक बढ़ने लगती है सर्दी, इस बार नहीं आई गुलाबी सर्दी
मानसून विदा होने के बाद 15 अक्टूबर से रात के तापमान में गिरावट शुरू हो जाती है। अक्टूबर के अंत में सर्दी बढ़ जाती है। नवंबर के पहले सप्ताह में हवा का रुख उत्तरी होने पर तेज गति से तापमान में गिरावट आती है। सर्दी की शुरुआत हो जाती थी। जैसे दिन गुजरते थे, वैसे-वैसे सर्दी और गहराती जाती थी। पिछले दस सालों में पहली बार ऐसा हो रहा है कि लोग गुलाबी सर्दी के लिए तरस गए हैं। मौसम को प्रभावित करने वाले अलग-अलग कारण हैं, जिससे मौसम में बदलाव नहीं आया है।कश्मीर में बर्फबारी नहीं
- नवंबर में पश्चिमी विक्षोभ का आना शुरू हो जाता था, जिससे कश्मीर में बर्फबारी होना शुरू हो जाती थी। पश्चिमी विक्षोभ के गुजर जाने के बाद हवा का रुख उत्तर हो जाता था, लेकिन अब तक उत्तर दिशा से नहीं चली है।
- बंगाल की खाड़ी अभी सक्रिय है। इसमें चक्रवातीय घेरा व कम दबाव के क्षेत्र बन रहे हैं, जिससे दक्षिण भारत में बारिश हो रही है। उत्तर भारत की ओर से नमी आ रही है। दिन व रात में हल्के बादल छा रहे हैं।
- दक्षिण पूर्व, पश्चिमी हवा चलने से सर्दी की दस्तक नहीं हो पा रही है।
पिछले दस साल में दर्ज न्यूनतम तापमान
वर्ष तारीख तापमान2014 26 9.1
2015 17 9.6
2016 30 10
2017 25 6.3
2018 27 8.0
2019 22 10.3
2020 23 7.9
2021 24 8.0
2022 28 8.0
2023 16 9.0
मौसम विज्ञान…हिंद महासागर में डाइपोल का असर, लानीना का असर माह अंत तक
इस बार नवंबर में ज्यादा तेज सर्दी की संभावना कम है। क्योकि प्रशांत महासागर पर अलनीनो तटस्थ है। हिंद महासागर पर तटस्थ डाइपोल की स्थिति रहने की संभावना है। लानीना का असर भी नवंबर के आखिरी और दिसंबर में रहने की संभावना बन रही है। इस कारण दिन और रात का तापमान बढ़ा हुआ है और नवंबर में सर्दी नहीं आई है। दिसंबर में तेज सर्दी हो सकती है।
डॉ वेदप्रकाश सिंह, निदेशक एवं रडार प्रमुख भोपाल
सरसों को नुकसान