डॉक्टर कुलश्रेष्ठ और उनकी टीम एसएसपी ऑफिस और पुलिस कंट्रोल रूम के कर्मचारियों का बारी – बारी से शुगर और ब्लडप्रेशर टेस्ट कर रहे थे। करीब ढाई घंटे में 120 पुलिसकर्मियों का चेकअप हुआ। उनके हेल्थ कार्ड बनाए। इनमें 28 लोगों को बीपी और शुगर की बीमारी थी। उन्हें दवा और इलाज दिया गया। फोर्स में बीपी और शुगर का आंकड़ा चौंकाने वाला था। इससे जाहिर था पुलिस की नौकरी का तनाव फोर्स की सेहत बिगाड़ रहा है।
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ऐसे होगा हैल्थ चेकअप
-पुलिस की एंबुलेंस सुबह 10 बजे चिकित्सक और उनकी टीम को लेकर पुलिस लाइन से निकलेगी। जिस थाने पर पुलिसकर्मियों का चेकअप होना वहां सुबह की गणना पर पहुंचेगी। फोर्स का हैल्थ चेकअप कराना थाना प्रभारी की जिम्मेदारी होगी।
-40 साल से ज्यादा उम्र के पुलिसकर्मी और उनके परिजन का हैल्थ चेकअप होगा।
-शहर के सभी थानों के अलावा एडीजी, डीआइजी और महिला थाना के पुलिसकर्मियों का चेकअप होगा।
-शहर के अलावा देहात के थानों में टीम जाएगी।
-तारीख के हिसाब से दोबारा उसी थाने में हैल्थ चेकअप होगा। पहले चेकअप के बाद बीमार पुलिसकर्मी की सेहत में कितना सुधार है उसका पता चलेगा।
फोर्स सेहतमंद रहेगा
इस संबंध में ग्वालियर एसएसपी अमित सांघी ने बताया कि, थाना स्तर पर पुलिसकर्मियों का रुटीन चेकअप होगा तो फोर्स सेहतमंद रहेगा। इसलिए पुलिस की एंबुलेंस और चिकित्सकों की टीम थानों पर जाकर फोर्स का हैल्थ चेकअप करेगी। क्योंकि ज्यादातर पुलिसकर्मियों को तो यह भी नहीं पता होता वह बीमार हैं। स्वास्थ्य परीक्षण से उन्हें सेहतमंद रखा जा सकेगा। इस योजना को अधिक मजबूत करने के लिए मुख्यालय के स्वास्थ कल्याण विंग से और संसाधन मांगे जा रहे हैं।
फोर्स सेहत के प्रति लापरवाह रहता है, इसलिए जरूरत
एएसपी डॉ. ऋषिकेश मीणा ने बताया पुलिस के पास डॉक्टर और एंबुलेंस दोनों हैं, लेकिन उनका इस्तेमाल नहीं है। पुलिस जिन हालात में ड्यूटी करती है उसके साथ सेहत की निगरानी जरूरी है। डयूटी के साथ पुलिसकर्मियों के पास हेल्थ चेकअप का वक्त नहीं होता तो फोर्स सेहत के प्रति लापरवाह भी रहता है। इसलिए थानों पर ही उनकी सेहत रूटीन में परखने की प्लानिंग की। जिस पुलिसकर्मी की सेहत गड़बड़ मिलेगी उसे ऑन स्पॉट इलाज और दवा बताई जाएगी।