828 मीटर ऊंची इमारत बुर्ज खलीफा को देखने की मन में इच्छा थी, जो इस ट्रिप में पूरी हुई। वाकई ये बहुत खूबसूरत थी। जितनी उसकी ऊंचाई थी, वहां तक हमारी निगाह नहीं पहुंच पा रही थी। हमे बताया गया कि इसमें 160 फ्लोर हैं और इसे 90 किमी दूर से देखा जा सकता है। हमें भी यह कई किमी दूर से नजर आ रही थी, जिसे देख ऐसा प्रतीत होता था कि अब हम पहुंचने वाले हैं, जबकि ऐसा नहीं था।
दुबई में सात दिन कैसे निकल गए पता ही नहीं चला। यहां हम लोगों के खाने के लिए गुजराती, राजस्थानी, पंजाबी भोजन मिला। हर दिन हम अपने देश के अलग-अलग प्रांत का स्वाद चखते थे। वाकई वहां की डिशेज का स्वाद लाजवाब था। खास बात यह थी कि एनआरआई के साथ ही वहां के लोग भी हमारे खाने को पसंद करते थे, लेकिन उनकी संख्या कम थी।
हम लोगों का मन तब प्रसन्न हो गया, जब दुबई में हमने श्रीनाथ और द्वारिकाधीश मंदिर के दर्शन किए। यहां हमने काफी समय बिताया। हमे इन मंदिर के बारे में एनआरआई से जानकारी मिली। यह एक्सपीरियंस हमारे लिए रोमांच से भरा था। खरीदारी के हिसाब गोल्ड ज्वैलरी के शोरूम यहां बेस्ट थे। हम वहां घूमने गए। वाकई शोरूम में जबरदस्त भीड़ थी।
दुबई में रेगिस्तान होते हुए थी अच्छी ग्रीनरी थी। यहां का ट्रैफिक सिस्टम इतना अच्छा था कि एक-एक मीटर की दूरी पर गाडिय़ां चल रही थीं। हमें कहीं जाम नजर नहीं आया। हर जगह सफाई मिली। पानी का ड्रेनेज सिस्टम अल्टीमेट था। वहां के लोग मुझे अवेयर लगे, जो सिस्टम को फॉलो करते थे।
संदीप जैन, बिजनेसमैन, ग्वालियर