ग्वालियर। जिले की सीमा से लगे रतनगढ़ माता मंदिर में हर साल की तरह इस बार भी लाखों श्रद्धालुओं के आने का सिलसिला शुरू हो गया है। भाई दूज के दिन यहां भव्य मेला लगता है, जिसमें हर साल 12 से 15 लाख लोग दर्शन करने पहुंचते हैं। यहां सुरक्षा के मद्देनजर आसपास के जिलों का पुलिस बल भी लगता है। ग्वालियर से भी 12 सौ से अधिक पुलिस जवान तैनात किए गए हैं। वहीं दतिया और यूपी सीमा से लगे इलाकों पर भी व्यवस्था के पुख्ता इंतजाम किए गए हैं।
रतनगढ़ माता मंदिर के मेले में इस बार सुरक्षा को काफी कसा गया है। इसके लिए ग्वालियर जिले से ही 1200 जवान तैनात किए गए हैं। इसके अलावा दतिया से पुलिस बल और लगाया गया है। एसपी अमित सांघी ने बताया कि रतनगढ़ माता मंदिर का एक छोर ग्वालियर जिले की हद को छूता है। यहां से भी हजारों लोग भाई दूज पर मंदिर दर्शन के लिए जाते हैं। दर्शनार्थियों को मंदिर जाने और वहां किसी तरह की परेशानी का सामान नहीं करना पड़े इसलिए पुलिस तैनात रहेगी।
पुलिस मुख्यालय ने भेजे 500 जवान
एसपी सांघी ने बताया कि मेले की सुरक्षा के लिए पुलिस मुख्यालय भी अलर्ट है। इसलिए 500 पुलिस अधिकारी और जवान पीएचक्यू ने भेजे हैं। ग्वालियर जिले से करीब 700 अधिकारी और जवान रतनगढ़ भेजे गए है। यह बल शुक्रवार शाम को ही मंदिर पहुंच गया है। शनिवार को पूरा मेला पूरा होने के बाद से वापस आएगा।
दतिया: 13 अक्टूबर 2013
रतनगढ़ माता मंदिर में 115 लोगों की मौत
रतनगढ़ माता मंदिर में यह दिन बेहद त्रासदी भरा था। यहां एक पुल से गुजरने के दौरान अचानक भगदड़ मच गई, लोग बहती सिंध नदी में कूदने लगे, एक-एक करके 115 लोगों की मौत हो गई। मरने वालों में ज्यादातर बच्चे और महिलाएं ही थे। हादसे के बाद कई लाशें पुल पर ही बिछ गई थी। मंदिर जाने वाला पुल काफी संकरा था। उस पर बड़ी संख्या में टैक्टरों के पहुंचने से जाम लग गया और भीड़ बेकाबू हो गई। पुलिस ने भी बल प्रयोग किया तो लोक तितर-बितर होने लगे थे। नतीजा कई जिंदगियां खत्म हुई और कई घर उजड़ गए। इस भयावह हादसे के दौरान भी भीड़ प्रबंधन के इंतजाम गायब थे। इस हादसे के बाद अब प्रशासन हमेशा अलर्ट रहता है।
रतनगढ़ मेले में शामिल होने पैदल ही पहुंच रहे भक्त, सडक़ों पर डाला डेरा
रतनगढ़ मंदिर में दर्शन के लिए उत्तरप्रदेश की सीमा से लगे क्षेत्रों के लोग पैदल ही रवाना हो रहे हैं। यह लोग भगुआपुरा के रास्ते से रतनगढ़ मंदिर पहुंचेगे। सौ किलोमीटर से भी अधिक दूरी पैदल तय करके श्रद्वालु मंदिर पहुंच रहे हैं। आलमपुर क्षेत्र से होकर भगुआपुरा के रास्ते से लोग दर्शन के लिए उत्तरप्रदेश सीमा के गांव समथर, गुरुसराय, महोबा, उरई, जालौन, बंगरा से आ रहे हैं। यह लोग पैदल ही मंदिर के लिए जा रहे हैं। वहीं शाम होने पर सडक़ों पर ही आराम कर रहे हैं। हालांकि यह जान को जोखिम में डालना है। हजारों की संख्या में दीपावली की दौज के मौके पर रतनगढ़ मंदिर पर मेले का आयेाजन किया जाता है। इसमें एक लाख से भी अधिक लोग पहुंचते हैं। वहीं पुलिस और प्रशासन की ओर से सुरक्षा का इंतजाम दतिया जिले की ओर से किया जाता है। रतनगढ़ मंदिर के लिए जाने वाले श्रद्वालुओं के लिए कोई इंतजाम प्रशासन की ओर से रास्ते में नहीं किया गया है।
जिन स्थानों पर रूट डायवर्ट करना है वहां पर पुलिस बल तैनात है। आलमपुर से सेंवढ़ा होकर मंदिर तक पहुंचा जा सकता है। यदि आवश्यकता पड़ी तो और पुलिस बल तैनात कर दिया जाएगा।
-आरए प्रजापति, एसडीएम लहार