पुलिस के मुताबिक कृपा का पुरा गोरमी निवासी आशा (40) पत्नी भूरा नरवरिया और जमाहर निवासी करन सिंह (30) पुत्र रूप सिंह के शव बुधवार रात करीब 10 बजे रेल पटरी पर मिले हैं। आशा ने बेटी रीना की सगाई करन से की थी, तभी से करन का उनके घर आना-जाना हो गया, लेकिन बेटी को छोडकऱ करन की सास आशा से आंखें लड़ गईं। दोनों की मोबाइल पर घंटों बात होती। घरवालों को उनकी करतूत पता चली तो समझाया, लेकिन उन्होंने किसी की नहीं सुनी।
रात में कई घंटे बात करती थी मां
आशा के बेटे सूरज ने बताया मां रात में कई घंटे करन से बात करती थी। उनका मोबाइल तोड़ दिया, लेकिन करन उन्हें दूसरा मोबाइल दिला देता। करन के घरवालों से भी कहा, उसे समझाए, लेकिन उन्होंने नहीं सुनी। जब दोनों घर से भाग गए तो मैं उन्हें समझाकर घर लाया था, लेकिन उसी रात फिर दोनों गायब हो गए।
बेटा मनाकर लाया, लेकिन फिर भाग गए
दोनों 25 अगस्त को घर छोडकऱ छत्तीसगढ़ भाग गए थे। करीब एक महीने बाद 25 सितंबर को आशा का बेटा सूरज दोनों को मनाकर घर लेकर आया, लेकिन उसी रात दोनों फिर भाग गए। 26 सिंतबर को करन ने कोर्ट में तारीख की, उसी रात ट्रेन के सामने आकर खुदकुशी कर ली।
विरोध किया तो पीटा
करन के बड़े भाई वीरेन्द्र ने बताया कि एक भाई ब्रजेश की चार साल पहले एक्सीडेंट में और दूसरे भाई शंकर बीमारी से मौत हो चुकी है। करन के प्रेम प्रसंग का पता चला तो समझाया लेकिन उसने
मेरे साथ मारपीट कर दी।
दीपावली के बाद थी बेटी की शादी
आशा का पति भूरा मकान का कारीगर है। पत्नी और दो बेटी, दो बेटों के साथ गोहद में रहने लगा था। बेटी रीना की सगाई कर दीपावाली बाद उनकी शादी की तैयारी थी, लेकिन शादी से पहले ही आशा की दामाद से आंखें लड़ गईं और दोनों भाग गए। भूरा को पता चला तो उसने बच्चों का वास्ता दिया, लेकिन आशा नहीं मानी।
दोनों ने खुदकुशी की है
करन का होने वाली सास से प्रेम प्रसंग था। एक महीने पहले दोनों भाग गए थे। महिला के परिजनों ने गोहद में गुमशुदगी दर्ज कराई थी। संभावना है समाज में बदनामी की वजह से दोनों ने खुदकुशी कर ली।
यदुनाथ सिंह तोमर, टीआइ महाराजपुरा थाना