डेढ़ माह से पत्नी, बेटी व वृद्ध माता-पिता से नहीं मिले ड्रग इंस्पेक्टर
ड्रग इंस्पेक्टर देशराज सिंह ग्वालियर के रहने वाले हैं, लेकिन लॉकडाउन के चलते डेढ़ महीने वे अपने घर नहीं गए तथा पत्नी, दो बेटियों सहित वृद्ध माता-पिता से नहीं मिल सके हैं। उनकी परिजन से उनकी सिर्फ फोन पर ही चर्चा होती है। ड्रग इंस्पेक्टर की विशेष ड्यूटी यह है कि जिले में कहीं भी दवा की कमी न हो तथा मरीजों को आवश्यक दवाएं समय पर मिल सके। इसके लिए वे निरंतर 24 घंटे सेवाएं देकर मॉनिटरिंग कर रहे हैं। ड्रग इंस्पेक्टर वर्तमान में किराए के मकान रहकर अपनी जिम्मेदारी का निर्वहन कर रहे हैं।
ड्रग इंस्पेक्टर देशराज सिंह ग्वालियर के रहने वाले हैं, लेकिन लॉकडाउन के चलते डेढ़ महीने वे अपने घर नहीं गए तथा पत्नी, दो बेटियों सहित वृद्ध माता-पिता से नहीं मिल सके हैं। उनकी परिजन से उनकी सिर्फ फोन पर ही चर्चा होती है। ड्रग इंस्पेक्टर की विशेष ड्यूटी यह है कि जिले में कहीं भी दवा की कमी न हो तथा मरीजों को आवश्यक दवाएं समय पर मिल सके। इसके लिए वे निरंतर 24 घंटे सेवाएं देकर मॉनिटरिंग कर रहे हैं। ड्रग इंस्पेक्टर वर्तमान में किराए के मकान रहकर अपनी जिम्मेदारी का निर्वहन कर रहे हैं।
2.5 लाख रुपए का राशन बांटा
टीम नेकी की दीवार का नेतृत्व कर रहे व्यवसाई मनोज जैन ने 5 वाहनों की मदद से जरूरतमंदों को न केवल राशन पहुंचाया। बल्कि उनकी टीम अब तक 2.5 लाख रुपए की नि:शुल्क खाद्य सामग्री ऐसे परिवारों को बांट चुके हैं, जिनके घरों में लॉकडाउन के चलते राशन खत्म हो गया। जरूरतमंदों को राहत पहुंचाने के लिए जैन के साथ 50 लोगों की टीम लगी हुई है। जिनमें 15 लोग राशन पैक करने का काम कर रहे हैं तथा 20 से 25 लोग आमजन को थोक रेट में राशन उपलब्ध में जुटे हैं।
टीम नेकी की दीवार का नेतृत्व कर रहे व्यवसाई मनोज जैन ने 5 वाहनों की मदद से जरूरतमंदों को न केवल राशन पहुंचाया। बल्कि उनकी टीम अब तक 2.5 लाख रुपए की नि:शुल्क खाद्य सामग्री ऐसे परिवारों को बांट चुके हैं, जिनके घरों में लॉकडाउन के चलते राशन खत्म हो गया। जरूरतमंदों को राहत पहुंचाने के लिए जैन के साथ 50 लोगों की टीम लगी हुई है। जिनमें 15 लोग राशन पैक करने का काम कर रहे हैं तथा 20 से 25 लोग आमजन को थोक रेट में राशन उपलब्ध में जुटे हैं।