11 साल पुराने सिंचाई अफसर के साथ मारपीट मामले में निचली अदालत की सजा की अपील में भोपाल की स्पेशल कोर्ट ने गत 30 अक्टूबर को विधायक जंडेल सहित 14 लोगों को एक-एक साल की सजा सुनाई थी। तभी से जंडेल भोपाल की सेंट्रल जेल में बंद हैं। इसके बाद स्पेशल कोर्ट की सजा के खिलाफ अपील और जमानत के लिए याचिका जबलपुर हाइकोर्ट में लगाई गई,लेकिन 7 व 11 नवंबर को सुनवाई नहीं हो सकी थी और 13 नवंबर की तारीख तय हुई।
यही वजह है कि बुधवार को हाइकोर्ट ने जंडेल की जमानत याचिका मंजूर करते हुए 30 हजार के मुचलके पर जमानत दे दी। अब जमानत आदेश गुरुवार की सुबह भोपाल जेल पहुंचेगा, जिसके बाद कागजी खानापूर्ति के बाद जंडेल दोपहर बाद जेल से रिहा हुए। बताया जा रहा है कि भोपाल से श्योपुर आने के बाद कार्यकर्ताओं और उनके समर्थकों द्वारा स्वागत की तैयारी की जा रही है। साथ ही जेल से रिहा होने की खबर सुनते ही उनके समर्थकों में खुशी की लहर है।
13 अन्य लोगों की जमानत याचिका आज लगेगी
विधायक जंडेल के साथ 13 अन्य लोगों को भी एक-एक साल की सजा सुनाई गई है और ये लोग भी 30 अक्टूबर से ही भोपाल में ही बंद है। बताया गया है कि हाइकोर्ट के वकीलों की सलाह पर पहले विधायक जंडेल की अकेले की जमानत याचिका लगाई गई थी, जिसमें बुधवार को जमानत मिलने के बाद अब 13 अन्य लोगों की याचिका गुरुवार को हाइकोर्ट में दाखिल की जाएगी।
यह था पूरा मामला
2 जनवरी 2008 को चंबल नहर की डिस्ट्रीस्ब्यूटरी शाखा 12 एल के मातासूला गेट खोले जाने को लेकर विधायक बाबू जंडेल(तत्समय जंडेल जिला पंचायत श्योपुर के अध्यक्ष थे) व ग्रामीणों का जलसंसाधन विभाग के अफसरों के साथ विवाद हो गया। इस दौरान जलसंसाधन विभाग के तत्कालीन अफसरों एसडीओ विकास राजौरिया, सब इंजीनियरगण केएन पाराशर, बीएन गर्ग और एनएस तोमर के साथ मारपीट कर दी गई।
मामले में जंडेल सहित और 15 लोगों पर एफआईआर दर्ज हुई। मामले में 15 जुलाई 2015 को प्रथम श्रेणी न्यायिक मजिस्ट्रेट की अदालत ने एक आरोपी भज्जी बैरवा को बरी कर दिया, जबकि बाबू जंडेल सहित 14 आरोपियों को एक-एक साल की सजा सुनाई गई। जिसकी अपील में भोपाल की स्पेशल कोर्ट ने 30 अक्टूबर को सजा को बरकरार रखा था।