मध्यप्रदेश में दो माह बाद विधानसभा चुनाव होना है लेकिन उससे पहले कांग्रेस के इस दिग्गज नेता से कार्यकर्ता और नेता सहित हर कोई शोक में है। क्योकि चुनाव से पहले चिमन भाई मोदी का जाना कहीं न कहीं कांग्रेस को चुनाव में मुश्किल दे सकता है। हालांकि शहर के कांग्रेसी नेताओं का कहना है कि वह राजनीति को छोडक़र २०१३ में परिवार के साथ मुंबई शिफ्ट हो गए थे। लेकिन आज भी ग्वालियर शहर में उनके चाहने वाले है और वह उन्हें पंसद भी करते है। इससे दो साल पहले कांग्रेस को दो बड़े झटके लगे थे जिनमें एक शहर के कांग्रेस जिलाअध्यक्ष दर्शन सिंह का निधन तो दूसरा पूर्व महापौर रघुनाथ पापरीकर का निधन। जिनके कमी से कांग्रेस पार्टी अभी तक ऊभर ही नहीं पाई है। अब एक दम चिमन भाई का चले जाने से चुनाव में पार्टी को मुश्किल का सामना भी करना पड़ सकता है।
श्रीराम लीला समारोह समिति छत्री प्रांगण के पूर्व अध्यक्ष चिम्मनभाई मोदी के निधन पर समिति के पदाधिकारियों ने शोक व्यक्त किया है। शोक व्यक्त करने वालों में समिति के अध्यक्ष विष्णु गर्ग, महामंत्री विमल जैन, विजय गोयल, सत्यप्रकाश मिश्रा, रमेश चौरसिया, गुड्डू वारसी, रमेश अग्रवाल शामिल हैं। इलेक्शन प्लानिंग कमेटी के सदस्य रमेश अग्रवाल ने कहा कि मोदी जीवन पर्यंत कांग्रेस को मजबूत करने में लगे रहे। सच्चे एवं कर्मठ व्यक्ति के रुप में उनकी सेवाएं हमेशा याद की जाएंगी। शोक व्यक्त करने वालों में लतीफ खां मल्लू, रघुराज सिंह राजपूत, उमाशंकर सोनी, रमेश पाल, मोहसिन बेग, अरविंद चौहान, संतोष शर्म, गौरव भोंसले, रचिका श्रीवास्तव, आदि शामिल है।
