गैस का रिसाव डीआरडीई इकाई के मुख्य कैंपस में स्थित लैब से हुआ। उस वक्त वहां स्टाफ भी था। बदबू फैली तो ईकाई में खलबली मच गई। शुरू में यह समझ में नहीं आया कि किस गैस का रिसाव कहां से हो रहा है। इसलिए स्टाफ बाहर खुले में निकल आया। मास्क और सुरक्षा उपकरणों से लैस टीम गैस रिसाव के प्वाइंट की तलाश में जुटी। कुछ देर की सर्चिंग में पता चला कि क्लोरीन सिलेंडर लीक होने की वजह से गैस का रिसाव हो रहा था।
अनुसंधान इकाई में कई लैब, कई गैसों, कैमिकल का स्टॉक
डीआरडीई के अधिकारी पारतोष मालवीय ने बताया, अनुसंधान ईकाई में कई लैब हैं। इनमें अनुसंधान भी चलते रहते हैं। इनमें कई तरह की गैस और कैमिकल का इस्तेमाल होता है। इसलिए ऑक्सीजन, क्लोरीन सहित दूसरी गैस का स्टॉक रहता है। मंगलवार शाम को मुख्य कैंपस की लैब में क्लोरीन सिलेंडर का वाल्व लीक हो गया था। उसमें से गैस का रिसाव हुआ। बदबू फैली तब घटना पता चली। कुछ देर में लीकेज प्वाइंट को तलाश कर उसे ठीक किया गया। हादसे का पता चलने पर डायरेक्टर एमएम परीडा ने मौके पर पहुंचे और स्थिति का जायजा लिया।