पिछले कुछ समय से हाथ पैरों में दर्द के साथ अन्य समस्या के चलते गोले का मंदिर स्थित निजी हॉस्पिटल में मरीज को भर्ती करने के बाद इन्हें दिल्ली रैफर किया था। जहां हालात में सुधार नहीं हुआ और मौत हो गई।
हालांकि स्वास्थ्य विभाग के अधिकारियों का कहना है कि दिल्ली के जिस अस्पताल में मरीज का उपचार चल रहा था, उसका पर्चा प्राप्त हुआ है, जिसमें मरीज को चिकनगुनिया व डेंगू डाग्नोस होने की बात कही गई है। लेकिन मरीज की चिकनगुनिया पॉजिटिव संबंधित कोई रिपोर्ट अभी प्राप्त नहीं हुई है।
ये भी पढ़ें: PM Kisan Yojana: ‘फार्मर रजिस्ट्री’ होने पर ही मिलेंगे किस्त के रुपए, तुरंत करें ये काम इस बार चिकनगुनिया के 190 मरीज आ चुके
पिछले वर्ष जहां चिकनगुनिया का कोई भी मरीज सामने नहीं आया था। वहीं इस बार जनवरी से अभी तक 190 मरीज आ चुके हैं। वहीं नवंबर महीने में तेजी से बढ़ा है। इसके चलते नवंबर के 28 दिनों में ही 94 मरीज आए हैं। चिकनगुनिया मरीजों को काफी दर्द दे रहा है। इसके मरीज 15 से दो तीन महीने तक परेशान हो रहा है। चिकनगुनिया के मरीजों की संख्या धीरे- धीेरे बढ़ती ही जा रही है।
गोले का मंदिर क्षेत्र में ही सबसे ज्यादा डेंगू
गोले का मंदिर क्षेत्र में इस बार डेंगू के साथ चिकनगुनिया के मरीज भी आ रहे हैं। हर साल शहर में सबसे ज्यादा डेंगू के ही मरीज सामने आते हैं। इस बार भी मुरार क्षेत्र के गोले का मंदिर और आसपास के क्षेत्र में डेंगू के काफी मरीज हैं। वहीं अब चिकनगुनिया ने भी पैर पसार लिए हैं।
15 से तीन महीने लग रहे है
चिकनगुनिया के मरीजों की संख्या बढ़ते ही इस बार ठीक होने में 15 से तीन महीने का समय लग रहा है। ऐसे मरीज काफी परेशान हो रहे हैं। इसका लगातार उपचार किया जा रहा है।- डॉ अजयपाल सिंह, एसोसिएट प्रोफेसर जीआरएमसी
जांच कराएंगे
मरीज की चिकनगुनिया की जांच की रिपोर्ट नहीं आई है। जिससे यह कहा जा सके कि यह मौत चिकनगुनिया के चलते हुई है। वहीं हमारे रिकॉर्ड में भी इस नाम से किसी को चिकनगुनिया नहीं हुआ है। इसके लिए कमेटी बनाकर जांच कराएंगे।-डॉ सचिन श्रीवास्तव, सीएमएचओ