ग्वालियर

भूपेंद्र की सफाई पर बोले सांसद भगत, क्यों नहीं गिरफ्तार हुए पुलिसवाले

बैठक में राजनैतिक प्रस्ताव पर चर्चा के समय कुछ पर्ची संगठन तक जाने के बाद गृहमंत्री भूपेंद्र सिंह को इशारा हुआ। 

ग्वालियरSep 29, 2016 / 09:36 am

Gaurav Sen

bjp karya samiti


शैलेंद्र चौहान @ ग्वालियर

बालाघाट में संघ प्रचारक सुरेश यादव की पुलिसिया बर्बरता का मामला भाजपा प्रदेश कार्यसमिति में गरमाया। बैठक में राजनैतिक प्रस्ताव पर चर्चा के समय कुछ पर्ची संगठन तक जाने के बाद गृहमंत्री भूपेंद्र सिंह को इशारा हुआ।
 
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वे मंच पर आकर पिटाई कांड पर सफाई देने लगे, लेकिन बालाघाट सांसद बोध सिंह भगत ने खड़े होकर पूछ लिया कि अब तक पुलिस वाले गिरफ्तार क्यों नहीं हुए। सिंह जवाब के बिना नीचे उतरने लगे, जिसके बाद प्रदेशाध्यक्ष नंदकुमार सिंह चौहान ने हस्तक्षेप के साथ भगत को चुप कराकर बैठाया। प्रदेश कार्यसमिति पर बालाघाट कांड की छाप रही।



सुबह से ही सवालों की बौछार पर मंत्री और प्रमुख नेता बोलते रहे कि यह घटना निंदनीय है। हालांकि ब्यूरोक्रेसी को लेकर यह मिले-जुले जवाब देते रहे। दोपहर में राजनीतिक प्रस्ताव की बारी आई। करीब 40 राजनीतिक प्रस्ताव थे। इनमें संशोधन की बात उठी। इस दौरान कुछ मंत्रियों और पदाधिकारियों ने प्रदेशाध्यक्ष के पास पर्ची भेजी। इन्हें बोलने के लिए नहीं बुलाया गया, लेकिन नंदकुमार ने गृहमंत्री भूपेंद्र सिंह को बुलवाया। नंदकुमार ने गृहमंत्री के कान में कुछ कहा, जिसके बाद भूपेंद्र सिंह सफाई देने मंच पर पहुंचे।



गृहमंत्री ने संघ प्रचारक की पिटाई को दुर्भाग्यपूर्ण बताते हुए कहा कि तुरंत कार्रवाई की है। सभी दोषी पुलिसकर्मियों पर केस दर्ज किया गया है। एडीशनल एसपी राजेश शर्मा को शासन स्तर पर फैसला लेकर आज निलंबित कर दिया है। कोई दोषी बख्शा नहीं जाएगा। 


पुलिस से बड़ी गलती हुई है। मंत्री की सफाई के बीच सांसद भगत सिंह खड़े हो गए। उन्होंने एक भी पुलिसकर्मी की गिरफ्तारी नहीं होने पर नाराजगी जताई। भगत के तेवर से कुछ देर सन्नाटा छा गया। भूपेंद्र सिंह मंच से नीचे उतर गए। नंदकुमार ने भगत को समझाईश देते हुए कहा कि बैठ जाओ, बात आ चुकी है। 

सुहास ने साधे रखी चुप्पी 
बालाघाट पर कार्यसमिति गरमाई रही, लेकिन संगठन महामंत्री सुहास भगत ने अपने संबोधन में संघ प्रचारक की बर्बर पिटाई पर मुंह तक नहीं खोला। वे संगठन के कामकाज की तमाम बातें बोल गए मगर पिटाई पर चुप्पी साधे रखी।

कैलाश को बोलने का मौका नहीं
राष्ट्रीय महासचिव कैलाश विजयवर्गीय के ब्यूरोक्रेसी पर सवाल खड़े करने पर बवाल हुआ था। ऐसे में संगठन ने तय कर लिया कि इस बार बोलने नहीं देना चाहिए। इस वजह से किसी भी नेता को बोलने का मौका नहीं मिला, जबकि पिछली कार्यसमिति में तोमर और झा ने मंच से संबोधित किया था।






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