ग्वालियर

ग्वालियर कैप्टन रुपसिंह स्टेडियम बना कपल का मीटिंग पाइन्ट, ड्रैसिंग रुम में होती है दारू पार्टी, गंदगी का लगा है ढेर

ग्वालियर कैप्टन रुपसिंह स्टेडियम बना कपल का मीटिंग पाइन्ट, ड्रैसिंग रुम में होती है दारू पार्टी, गंदगी का लगा है ढेर

ग्वालियरJan 14, 2019 / 11:04 am

Gaurav Sen

ग्वालियर कैप्टन रुपसिंह स्टेडियम बना कपल का मीटिंग पाइन्ट, ड्रैसिंग रुम में होती है दारू पार्टी, गंदगी का लगा है ढेर

नरेन्द्र कुइया @ ग्वालियर

पूर्व भारतीय क्रिकेटर सचिन तेंदुलकर ने 24 फरवरी 2010 ग्वालियर के जिस कैप्टन रूपसिंह स्टेडियम में 200 नाबाद रन बनाए थे, आज वह बहुत ही बुरे हाल में है। इस स्टेडियम में रिकॉर्डतोड़ रन बनाने के बाद ही उन्हें क्रिकेट का भगवान कहा गया था। क्रिकेट के इस भगवान के मंदिर में बाहर की ओर बने सीवर से बहता पानी सीधा स्टेडियम में जा रहा है, वहीं जिस ड्रेसिंग रूम को सचिन तेंदुलकर और भारतीय टीम के साथ-साथ दक्षिण अफ्रीका की टीम ने उपयोग किया था वहां मल बिखरा होने के साथ-साथ शराब की बोतलें पड़ी हैं।

इसके साथ ही स्टेडियम के अंदर लगी टूटी कुर्सियों से लेकर शौचालय तक को कोई देखने वाला नहीं है। स्टेडियम का हाल देखकर ऐसा लगता है कि ग्वालियर डिवीजन क्रिकेट ऐसोसिएशन (जीडीसीए) के आला अधिकारियों को इस अंतरराष्ट्रीय स्तर के स्टेडियम की फिक्र नहीं है। पत्रिका टीम ने रविवार को इस स्टेडियम की पड़ताल की तो यहां ड्रेसिंग रूम में एक प्रेमी युगल भी बैठा दिखा जो टीम को देखते ही वहां से सरक लिया।

आखिर क्यों पड़े हैं गद्दे

ड्रेसिंग रूम में दो जगह जमीन पर गद्दे मिले। आखिर यहां इन गद्दों पर कौन सोता होगा, जबकि कुछ दूरी पर ही मैला पड़ा हुआ था। वहीं इसी ड्रेसिंग रूम में एक कौने में छिपाकर गद्दा बिछाया गया था। यह दृश्य यहां के कर्मचारियों की लापरवाही को उजागर कर रहा है।

सीधी बात… डे्रसिंग रूम में ऐसा हो ही नहीं सकता
रवि पाटनकर, सचिव, ग्वालियर डिवीजन क्रिकेट ऐसोसिएशन
रूपसिंह स्टेडियम के मैदान की रोजाना सफाई की जाती है। इसके साथ ही अंतरराष्ट्रीय मैच होने से पूर्व ड्रेसिंग रूम आदि को भी देखा जाता है। जहां तक आप ड्रेसिंग रूम में शराब की बोतल, मल बिखरा होने की बात कह रहे हैं तो ये नहीं हो सकता। यदि ऐसा है तो मैं इसे कल ही दिखवाता हूं। समय-समय पर संस्थाओं को मैच खेलने के लिए स्टेडियम 5 और 10 हजार रुपए किराए पर दिया जाता है। सीवर का पानी स्टेडियम में काफी समय से बह रहा है। कई बार नगर निगम को कह चुके हैं, पर ये ठीक नहीं हो सका है।

ऐसे में कैसे मिलेगा अंतरराष्ट्रीय मैच
कैप्टन रूपसिंह स्टेडियम में पिछले 9 वर्षों से कोई अंतरराष्ट्रीय स्तर का मैच नहीं हुआ है। यहां आखिरी मैच 24 फरवरी 2010 को हुआ था। यदि इस अंतरराष्ट्रीय स्टेडियम के यही हाल रहे तो अंतरराष्ट्रीय मैच कैसे मिलेगा। ऐसा लगता है कि शंकरपुर में बनने जा रहे नए स्टेडियम पर जीडीसीए का ध्यान होने के कारण शायद इस स्टेडियम से ध्यान हट गया है।

स्टेडियम में 1988 में पहला अंतरराष्ट्रीय मैच भारत और वेस्टइंडीज के बीच हुआ था। जब से अब तक 12 अंतराष्ट्रीय मैच यहां खेले जा चुके हैं। आखिरी मैच 24 फरवरी 2010 को भारत-दक्षिण अफ्रीका के बीच खेला गया था।

captain roop singh stadium in bad condition
ड्रेसिंग रूम में गद्दे

ड्रेसिंग रूम में दो जगह जमीन पर गद्दे मिले। आखिर यहां इन गद्दों पर कौन सोता होगा, जबकि कुछ दूरी पर ही मैला पड़ा हुआ था। वहीं इसी ड्रेसिंग रूम में एक कौने में छिपाकर गद्दा बिछाया गया था। यह दृश्य यहां के कर्मचारियों की लापरवाही को उजागर कर रहा है।
captain roop singh stadium in bad condition
भारत के साथ दूसरी टीम के लिए बनाए गए ड्रेसिंग रूम में धूल का अंबार लगा है। वॉशबेसिन में पान की पीक पड़ी है।

captain roop singh stadium in bad condition
स्कोर बोर्ड के साथ फ्लड लाइट पेड़ व बेलों से ढंक गए हैं।
captain roop singh stadium in bad condition
captain roop singh stadium in bad condition

सीधी बात… डे्रसिंग रूम में ऐसा हो ही नहीं सकता
रवि पाटनकर, सचिव, ग्वालियर डिवीजन क्रिकेट ऐसोसिएशन
रूपसिंह स्टेडियम के मैदान की रोजाना सफाई की जाती है। इसके साथ ही अंतरराष्ट्रीय मैच होने से पूर्व ड्रेसिंग रूम आदि को भी देखा जाता है। जहां तक आप ड्रेसिंग रूम में शराब की बोतल, मल बिखरा होने की बात कह रहे हैं तो ये नहीं हो सकता। यदि ऐसा है तो मैं इसे कल ही दिखवाता हूं। समय-समय पर संस्थाओं को मैच खेलने के लिए स्टेडियम 5 और 10 हजार रुपए किराए पर दिया जाता है। सीवर का पानी स्टेडियम में काफी समय से बह रहा है। कई बार नगर निगम को कह चुके हैं, पर ये ठीक नहीं हो सका है।

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