एक कारण यह भी सामने आ रहा है कि विवाह में विलंब होने से हार्मोन परिवर्तन हो रहे हैं, इससे भी खतरा बढ़ा है। पिछले साल जेएएच में सौ मामले ब्रेस्ट कैंसर के आए थे, जबकि इस वर्ष 10 महीने में 115 आ पहुंच चुके है। वहीं कोरोना काल में स्टेरॉयड का ज्यादा उपयोग करने से लंग्स के कैंसर के मरीज बढ़ रहे हैं।
स्टेरॉयड से बढ़े लंग्स के कैंसर के मरीज
कोरोना काल के बाद से लगातार फेफड़ों के मरीजों की संख्या बढ़ने लगी है। इसका एक कारण यह भी है कि कोरोना काल में ज्यादातर मरीजों ने बचाव करते हुए स्टेरॉयड का इस्तेमाल किया था। इन्हीं मरीजों में कुछ को इस तरह की समस्या भी सामने आने लगी है। हालात यह है कि पहले जहां साल भर में 50 मरीज आते थे, वहीं अब मरीजों की संख्या 80 तक पहुंच गई है।40 से 50 मरीजों की हर दिन रेडियोथैरेपी
जेएएच में रेडियोथैरेपी के लिए हर दिन लगभग 40 से 50 मरीज पहुंच रहे हैं। यह मरीज ग्वालियर के साथ अंचल और दूसरे राज्यों से भी आ रहे है। इनमें हर उम्र के लोग हैं।इनसे करें बचाव
धूल, धुआं, पॉल्यूशन और फसलों में कीटनाशक का इस्तेमाल कैंसर जैसे रोग को बढ़ावा दे रहा हैं।कैंसर हॉस्पिटल में तीन साल के आंकड़े
● 2022 में 1124 ● 2023 में 1342 ● 2024 में 900