जैसे ही पार्षद द्वारा सफाई करने की सूचना आयुक्त के पास पहुंची, उन्होंने तत्काल सफाई अमले को मौके पर भेजा और सीवर चैंबर साफ कराया गया। वार्ड 15 के अंतर्गत गदाईपुरा इलाके में बीते 20 दिन से सीवर चैंबर जाम होने से सडक़ पर गंदा पानी फैल रहा है और आसपास के लोग भी परेशान हैं। स्थानीय लोगों ने इसकी शिकायत क्षेत्रीय पार्षद देवेंद्र राठौर से की तो उन्होंने नोडल अधिकारी लल्लन सेंगर, विस प्रभारी रामसेवक शाक्य व ठेकेदार को कई बार शिकायतें की तो वह टालमटोल करते रहे और कोई सुनवाई नहीं हुई। पार्षद ने बताया कि उन्होंने महापौर व आयुक्त को भी शिकायत की पर सुनवाई नहीं होने पर उन्होंने मंगलवार को खुद ही चैंबर में उतरकर जाम चैंबर की साफ सफाई की। पार्षद द्वारा सीवर चैंबर में उतरकर सफाई करने का वीडियो जैसे ही आयुक्त के पास पहुंचा तो आनन फानन में निगम का अमला गदाई पुरा पहुंचा और साफ सफाई कराई गई।
सीवर चैंबर में पार्षद द्वारा सफाई करने के बाद अब पार्षद पर भी सवाल खड़े हो रहे हैं। क्योंकि बीते वर्ष इसी क्षेत्र में सीवर चैंबर में घुसकर सफाई करने के दौरान जहरीली गैस से दो कर्मचारियों की मौत हो गई थी। साथ ही सुप्रीम कोर्ट द्वारा भी सख्त आदेश हैं कि सीवर चैंबर में उतरकर कोई भी साफ सफाई नहीं करेगा।
नगर निगम द्वारा सीवर सफाई के लिए हर साल करीब 12 करोड़ रुपए खर्च किए जाते हंै। लेकिन अफसरों द्वारा ध्यान नहीं दिए जाने से शहरभर के सीवर चैंबर गंदगी से भरे पड़े हुए हंै और कई चैंबर बीच सडक़ पर ही खुले पड़े हुए है। इससे आए दिन हादसे होते रहते है।
नगर निगम के अफसर नींद में हैं और महापौर अधिकारियों की मनमानी पर अंकुश लगाने में पूरी तरह असफल हैं। अभी गदाईपुरा में सीवर साफ की है। यदि अधिकारियों का यही रवैया रहा तो हर गली-मोहल्ले के सीवर को मैं खुद साफ करुंगा। जनता के वोट की कीमत हर हाल में चुकाऊंगा।
– देवेंद्र राठौर, पार्षद वार्ड 15