हुरावली कॉलोनी (सिरोल) के ए ब्लॉक में 28 जनवरी की सुबह प्रॉपर्टी कारोबारी जितेन्द्र झा (48) उनकी पत्नी त्रिवेणी (40) और बेटे अमन 16 की लाश घर में फांसी पर लटकी मिली थीं। त्रिवेणी सैन्य इलाके के स्कूल में ङ्क्षप्रसिपल थीं। पूरे परिवार के सामूहिक सुसाइड से सनसनी हो गई थी। घर से सुसाइड नोट भी मिला था। इसमें जितेन्द्र ने साफ लिखा था पार्टनर देवेन्द्र पाठक की वजह से बेटा परेशान था। तंग आकर उसने सुसाइड किया है। यह आत्महत्या नहीं हत्या है। पुलिस देवेन्द्र पाठक को कड़ी सजा दिलाए। घर में काफी खून भी फैला था। पुलिस की थ्योरी थी, अमन को फांसी पर लटका देखकर जितेन्द्र ने हाथ की नसें काटी हैं। फिर पत्नी सहित उसने भी सुसाइड किया।
आरोपी देवेन्द्र दलील दे रहा है जितेन्द्र ने उसके नाम सुसाइड नोट लिखकर पूरे परिवार समेत सुसाइड कर लिया है। सुनकर घबरा गया। भटपुर (उटीला) से भागकर मथुरा, चित्रकूट और फिर उज्जैन जाकर दुबका रहा।
देवेन्द्र ने 29 दिन बाद सामने आकर कहानी सुनाई है अमन को देसी शराब पीते देखा था तो हैरानी हुई। उसने तमाम दोस्तों के सामने जितेन्द्र से कहा बेटे को संभालो। गवाहों के नाम भी देवेन्द्र गिना रहा है। उसने जितेन्द्र के घर में कलह की जो थ्योरी बताई उसमें बेटे की शराब पीने की चुगली है, जिसके बाद आवेश में पूरे परिवार ने सुसाइड कर लिया होगा। लेकिन सवाल है कि यह बात तो देवेन्द्र घटना के फौरन बाद भी पुलिस को बता सकता था, फिर फरार क्यों रहा। अब जिनके नाम गिना रहा है उनमें से भी कोई उसकी बात रखने पुलिस के सामने क्यों नहीं आया। घटना के तुरंत बाद पुलिस उसे बुलाती रही तो उसका पूरा परिवार गच्चा क्यों देता रहा?
ट्रिपल सुसाइड केस में देवेन्द्र पाठक के मुरार, जबलपुर, देहरादून में तीन मददगार भी सामने आए हैं जिनके बूते वह फरार रहा है। पुलिस का कहना है इन तीनों को रडार पर लेकर दबाव बनाया तब आरोपी हाथ आया।
ट्रिपल सुसाइड में वांटेड भट्टपुरा गांव से पकड़ा गया है। उसे गिरफ्तार कर रिमांड पर लिया जाएगा। आरोपी ने जो खुलासा किया है उसकी तस्दीक की जाएगी।
– हिना खान, सीएसपी विश्वविद्यालय