ग्वालियर

भिंड जेल की बैरक गिरी, 22 कैदी दबे, दो की हालत गंभीर

घायल बंदियों को जिला अस्पताल में कराया गया भर्ती

ग्वालियरJul 31, 2021 / 12:06 pm

Vikash Tripathi

घायल कैदियों को अस्पताल ले जाते हुए।

भिण्ड . भिंड जिला जेल के अंदर बैरक नंबर 7 और दो की दीवार भरभरा कर गिर गई जिसके मलबे में दबकर 22 बंदी घायल हो गए इनमें से दो कैदियों को गंभीर रूप से घायल अवस्था में जिला अस्पताल से ग्वालियर के लिए रेफर किया गया है हादसा 31 जुलाई की अल सुबह 5.30 बजे का है
रोज की तरह सुबह के वक्त बंदियों की बैरक उनके फ्रेश होने तथा चाय नाश्ते के लिए खोल दी गई थी इस दौरान बैरक की दीवार अचानक से ढह गई। बलात्कार के आरोपी विचाराधीन कैदी उदय सिंह पुत्र कप्तान सिंह निवासी चनैनी थाना पवई को नाजुक हालत में ग्वालियर के जे एच हॉस्पिटल में भर्ती कराया गया है। जबकि शेष घायल बंदियों को जिला अस्पताल के विभिन्न वार्डों में पुलिस जगह पानी के बीच भर्ती कराया गया है। यहां बता दें कि जिला जेल की क्षमता महज 50 कैदियों की है बावजूद इसके जेल के विभिन्न बैठकों के अंदर 282 कैदी रह रहे थे। उल्लेखनीय है कि 60 साल पुरानी जिले की जेल की आधा दर्जन बैरक से पानी टपक रहा था बावजूद इसके जेल अधीक्षक ओ पी पांडे इसे नजरअंदाज करते रहे नतीजतन बैरक भरभरा कर ढह गई। क्षमता से 5 गुना अधिक कैदी जेल की विभिन्न बैरकों में रखे गए थे। गनीमत यह थी कि कुछ कैदी दीवार गिरने से बाहर निकल आए थे इसी दौरान बाहर निकले हुए कैदियों पर दीवार के छत का मलबा गिर गया लिहाजा कुल 22 कैदी घायल हो गए हैं पुलिस अधीक्षक मनोज कुमार सिंह और एसडीएम भिंड उदय सिंह सिकरवार के मुताबिक घायल बंदियों बंदियों के परिजन आनन-फानन में जिला जेल पहुंचे जहां से घायल कैदियों को जिला अस्पताल और वहां से ग्वालियर के लिए रेफर कर दिया है ।
जाने के उपरांत परिजनों ने हंगामा शुरू कर दिया हालांकि प्रशासन द्वारा परिजनों को समझाएं देते हुए संबंधित कैदी से मिलाने का आश्वासन दे दिया है

जिला अस्पताल में भी बंदियों के परिजन बड़ी संख्या में पहुंच गए हैं जिन्हें संभालने के लिए अतिरिक्त पुलिस बल लगाया गया है हादसे के बाद पुलिस अधीक्षक मनोज कुमार सिंह ने आसपास के आधा दर्जन पुलिस थानों का बल बुला लिया है
यहां बता दें कि शासन द्वारा वर्ष 2008 से ही जिला मुख्यालय से करीब 3 किलोमीटर दूर नई जेल का निर्माण किया जा रहा है वर्ष 2020 में नई जेल का निर्माण पूरा होने के बावजूद बंदियों को उसमें शिफ्ट नहीं कराया गया
बता दें कि नई जेल के अंदर 500 कैदियों की क्षमता है बावजूद इसके नई जेल का शुभारंभ नहीं किया जा रहा कहा जा रहा है कि इसमें प्रशासनिक स्तर पर लापरवाही बरते जाने के चलते नई जेल को शुरू नहीं किया जा सका है। जबकि पुरानी जिला जेल का निर्माण 1958 में कराया गया था

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