जाने के उपरांत परिजनों ने हंगामा शुरू कर दिया हालांकि प्रशासन द्वारा परिजनों को समझाएं देते हुए संबंधित कैदी से मिलाने का आश्वासन दे दिया है जिला अस्पताल में भी बंदियों के परिजन बड़ी संख्या में पहुंच गए हैं जिन्हें संभालने के लिए अतिरिक्त पुलिस बल लगाया गया है हादसे के बाद पुलिस अधीक्षक मनोज कुमार सिंह ने आसपास के आधा दर्जन पुलिस थानों का बल बुला लिया है
यहां बता दें कि शासन द्वारा वर्ष 2008 से ही जिला मुख्यालय से करीब 3 किलोमीटर दूर नई जेल का निर्माण किया जा रहा है वर्ष 2020 में नई जेल का निर्माण पूरा होने के बावजूद बंदियों को उसमें शिफ्ट नहीं कराया गया
यहां बता दें कि शासन द्वारा वर्ष 2008 से ही जिला मुख्यालय से करीब 3 किलोमीटर दूर नई जेल का निर्माण किया जा रहा है वर्ष 2020 में नई जेल का निर्माण पूरा होने के बावजूद बंदियों को उसमें शिफ्ट नहीं कराया गया
बता दें कि नई जेल के अंदर 500 कैदियों की क्षमता है बावजूद इसके नई जेल का शुभारंभ नहीं किया जा रहा कहा जा रहा है कि इसमें प्रशासनिक स्तर पर लापरवाही बरते जाने के चलते नई जेल को शुरू नहीं किया जा सका है। जबकि पुरानी जिला जेल का निर्माण 1958 में कराया गया था