ग्वालियर। जिले की 20 लाख 30 हजार 543 आबादी में से युवाओं की आबादी लगभग ५ लाख है। इसमें से 57 प्रतिशत युवा शिक्षित होने के बावजूद लगभग 35 प्रतिशत बेरोजगार हैं। इन युवाओं को आत्मनिर्भर बनाने के लिए कौशल उन्नयन के अंतर्गत तकनीकी प्रशिक्षण दिया जाएगा। यह भी पढ़ें-IG साहब, पुलिस गांव में घुसकर तो दिखाए, भून देंगे प्रशिक्षण के लिए एक साल में लगभग 8 हजार युवाओं को चयनित किया जाना संभावित है। ये योजना शहर की ओर हो रहे पलायन पर अंकुश लगाने के उद्देश्य से अमल में लाई जा रही है। गौरतलब है कि गांवों में संसाधन होने के बाद भी जिले की कुल आबादी में से सिर्फ 7 लाख 57 हजार 807 लोग ही ग्रामीण क्षेत्र में निवास करते हैं, जबकि १२ लाख लोग शहर में रह रहे हैं, वह भी तब, जबकि अधिकतर आबादी आय के लिए खेती पर निर्भर है। महानगर की ओर पलायन कर रहे युवा 50 प्रतिशत से ज्यादा शिक्षा का स्तर होने के बाद भी लोग स्वयं के संसाधनों का विकास करने की बजाय अपनी आवश्कताओं की पूर्ति के लिए नजदीकी कस्बे और ग्वालियर महानगर की ओर पलायन कर रहे हैं। इस पलायन को रोकने के लिए सरकार के माध्यम से जिले के युवाओं को तकनीकी रूप से सक्षम बनाकर रोजगार के संसाधनों को विकसित करने की योजना बनाई गई है। इसके माध्यम से शिक्षा का स्तर भी लगभग 85 प्रतिशत तक पहुंच सकता है। यह भी पढ़ें-जानिये कहां और कैसे शुरू हुई शिवलिंग की पूजा चरणबद्ध तरीके से मिलेगा प्रशिक्षण प्रशिक्षित करने के लिए शुरुआती चरण में युवाओं को चयनित किया जाएगा। इसके लिए आयोजित होने वाले पाक्षिक, मासिक और त्रैमासिक प्रशिक्षण में अधिकतम १०० युवाओं को बेसिक ट्रेनिंग दी जाएगी। इसके अलावा एक वर्षीय और छमाही प्रशिक्षण कोर्स भी संचालित होंगे। इनके माध्यम से प्रशिक्षित युवाओं को १० लाख रुपए तक लोन के लिए भी मदद दी जाएगी, ताकि स्थानीय स्तर पर यूनिट लगाई जा सके। इसलिए तैयार हुई योजना 1. अंचल की युवा पीढ़ी खेती को छोड़कर रोजगार की तलाश में शहर की ओर रुख कर रही है। 2. खेती को लाभ का धंधा बनाने की सरकार की योजना के अंतर्गत शिक्षित युवाओं को तकनीकी प्रशिक्षण देकर उनके खेतों में नकद लाभ देने वाली खेती करने के लिए प्रोत्साहित किया जाएगा। 3. शहरों में मकान खरीदने के लिए किसान को 10 से 25 लाख रुपए खर्च करना पड़ रहे हैं। इस जरूरत को पूरा करने के लिए खेती पर आश्रित किसान जमीन बेच रहे हैं, जबकि खेती को आधुनिक तरीके से किया जाए तो किसानों को शहर की अपेक्षा ज्यादा लाभ हो सकता है। यह भी पढ़ें-“#Onedayiwill” : महिला आईपीएस बोलीं, ये करें महिलाएं तो होंगी कामयाब 4. गांव की पूंजी को गांव में ही निवेश करके आय को दोगुनाकरने के साथ ही और रोजगार विकसित करने के लिए ग्रामीण युवकों को प्रोत्साहित करने की योजना तैयार की है।