ग्वालियर

अपराजित योद्धा थे बाजीराव पेशवा, 43 लड़ाई लड़ी और सभी जीती

– बाजीराव पेशवा का 283 वा पुण्य स्मरण समारोह

ग्वालियरApr 29, 2023 / 11:12 pm

Narendra Kuiya

अपराजित योद्धा थे बाजीराव पेशवा, 43 लड़ाई लड़ी और सभी जीती

ग्वालियर. श्रीमंत बाजीराव पेशवा स्मृति समारोह समिति की ओर से शनिवार को बाजीराव पेशवा के 283 वे पुण्य स्मरण समारोह के मौके पर फूलबाग स्थित मानस भवन में कार्यक्रम किया गया। मुख्य वक्ता देवास के श्रीपाद अवधुत महाराज ने कहा कि बाजीराव पेशवा ऐसे अपराजित योद्धा थे, जिन्होंने लगभग 43 लड़ाई लड़ी और सभी जीते। उन्होंने छत्रपति शिवाजी महाराज के हिंदवी राज के स्वप्न को साकार किया और उसे आगे बढ़ाया। 20 वर्ष की आयु में उन्हें पेशवा की पदवी प्राप्त हुई थी। 40 वर्ष की आयु में उनका देहांत हो गया लेकिन इस अल्प आयु में भी उन जैसा योद्धा पूरे विश्व में दूसरा कोई नहीं हुआ। हिंदू स्वराज लाने का जो सपना छत्रपति शिवाजी ने देखा था उसे काफी हद तक पेशवा बाजीराव ने पूरा किया। सांसद विवेक नारायण शेजवलकर, महापौर शोभा सिकरवार ने भी अपने उद्बोधन में बाजीराव पेशवा के कृतित्व एवं व्यक्तित्व पर प्रकाश डाला। कार्यक्रम की अध्यक्षता कर रहे विधायक प्रवीण पाठक ने कहा कि वर्तमान में इस प्रकार के कार्यक्रम होना जरूरी है, जिससे युवा पीढ़ी हमारे इतिहास एवं शूरवीर नायकों के विषय में जान सके। कार्यक्रम में महेश मुद्गल, उमाशंकर पचौरी, बसंत कुंटे, दत्ताराव भालेराव, उपेंद्र शिरगांवकर, राकेश दीक्षित, केडी सोनाकिया, निशीकांत सुरंगे, श्रीकांत कुंभराज वाले आदि मौजूद थे।
मुगलों से लंबे समय लोहा लिया
मुख्य वक्ता श्रीपाद अवधुत महाराज ने कहा कि महाराणा प्रताप और छत्रपति शिवाजी महाराज के बाद बाजीराव पेशवा का ही नाम आता है, जिन्होंने मुगलों से लंबे समय लोहा लिया। बाजीराव एक महान योद्धा थे। निजाम, मोहम्मद बंगश से लेकर मुगलों और पुर्तगालियों तक को कई-कई बार शिकस्त देने वाले बाजीराव के समय में महाराष्ट्र, गुजरात, मालवा, बुंदेलखंड सहित 70 से 80 फीसदी भारत पर उनका कब्जा था। इतिहास में ऐसे कई वीर हुए हैं जिन्होंने मुगलों को दिल्ली तक ही समेट दिया था, इनमें बाजीराव एक थे।

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