scriptशक्ति बलिदान, ममता की मूरत हैं बग्लामुखी मां पीताम्बरा | baglamukhi mata maa peetabra sakti peeth in datia | Patrika News
ग्वालियर

शक्ति बलिदान, ममता की मूरत हैं बग्लामुखी मां पीताम्बरा

मां भगवती के नाम में ममता, त्याग, बलिदान और शक्ति जैसे अद्भुत गुण समाए हैं। वे अपने भक्त की पुकार पर उसके कष्टों का निवारण कर देती हैं। राजा हो या प्रजा, उसके दरबार में सब बराबर हैं।

ग्वालियरMar 26, 2016 / 01:56 pm

Gaurav Sen

maa baglanmukhi

maa baglanmukhi


ग्वालियर। मां भगवती के नाम में ममता, त्याग, बलिदान और शक्ति जैसे अद्भुत गुण समाए हैं। वे अपने भक्त की पुकार पर उसके कष्टों का निवारण कर देती हैं। राजा हो या प्रजा, उसके दरबार में सब बराबर हैं।

भगवती का एक चमत्कारी मंदिर मध्यप्रदेश के दतिया जिले में स्थित है। यहां माता पीतांबरा देवी के रूप में विराजमान हैं। यह एक सिद्ध शक्तिपीठ है जिसकी स्थापना ब्रिटिश शासन के दौरान की गई थी। श्रद्धालुओं के अनुसार, यह शक्तिपीठ 1935 में स्थापित किया गया। मां पीतांबरा के कुल, जन्म और इससे जुड़ी बातें आज तक रहस्य ही हैं लेकिन इसके चमत्कारों के साक्षी अनेक भक्त हैं।

कहा जाता है कि मां के दरबार में सच्चे मन से की गई अरदास जरूर पूरी होती है। हर साल यहां दिग्गज राजनेताओं से लेकर सामान्य नागरिक तक आते हैं। सबके शीश मां के दरबार में झुकते हैं और यहां उनके कष्टों का निवारण होता है।

माता के दर्शन एक छोटी खिड़की से
मां पीतांबरा चतुर्भुज रूप में विराजमान हैं। उनके हाथों में गदा, वज्र, पाश और राक्षस की जिह्वा है। मां दुष्ट प्रवृत्तियों और बाधाओं का निवारण करती हैं और उनके लिए कुछ भी असंभव नहीं। उल्लेखनीय है कि यहां माता के दर्शन के लिए भी कुछ विशेष नियम हैं। इस मंदिर में माता के दर्शन एक छोटी खिड़की के जरिए ही किए जा सकते हैं। प्रतिमा को स्पर्श करना वर्जित है।

कहा जाता है राजसत्ता की देवी
मां पीतांबरा मुख्यतः कष्ट व बाधा निवारण करने वाली देवी हैं। इन्हें राजसत्ता की देवी भी कहा जाता है। इसलिए यहां राजनेता भी मां का आशीर्वाद लेने आते हैं। ऐसी मान्यता है कि मां बगुलामुखी ही पीतांबरा देवी हैं। 

पीले रंग की वस्तुएं अतिप्रिय
इनमें पीले प्रसाद से लेकर वस्त्र आदि शामिल हैं। इस मंदिर में माता के साथ खंडेश्वर महादेव भी विराजमान हैं। साथ ही यहां धूमावती देवी के दर्शन भी कर सकते हैं।

खंडेश्वर महादेव का तांत्रिक अनुष्ठानों में विशेष पूजन किया जाता है। मां धूमावती देवी के दर्शन हर समय नहीं किए जा सकते। क्योंकि आरती के अलावा इनके मंदिर के पट सदा बंद रहते हैं।

मां पीतांबरा मात्र सुख-समृद्धि देने वाली देवी ही नहीं हैं, ये अपने भक्त को राजनीति में भी शीर्ष पर पहुंचा देती हैं। यही वजह है कि चुनावों से पहले यहां अनेक राजनेता पूजन करने आते हैं।

Hindi News / Gwalior / शक्ति बलिदान, ममता की मूरत हैं बग्लामुखी मां पीताम्बरा

ट्रेंडिंग वीडियो