गांधी प्राणी उद्यान के चिकित्सकों के अनुसार, शेरनी परी और तीनों शावक की रात से ही लगातार मॉनिटरिंग की जा रही है और वो सभी पूर्ण रूप से स्वस्थ और तंदुरुस्त हैं। शावकों और मादा को लेकर विशेष सावधानी बरती जा रही है। शावकों को चिड़ियाघर में 30 दिन तक आइसोलेशन में रखा जाएगा। इसके बाद उन्हें बाड़े से बाहर छोड़ा जाएगा।
बिलासपुर की परी, रायपुर से लाया गया जय
आपको बता दें कि, वर्ष 2012 में बिलासपुर के कानन पेंडारी जू से परी नामक शब्बर शेरनी को ग्वालियर के गांधी प्राणी उद्यान लाया गया था। इसके साथ ही, इसी साल रायपुर के नंदनवन जू से जय नामक बब्बर शेर को भी ग्वालियर के चिड़ियाघर लाया गया था। तभी से इनका परिवार एक साथ गांधी प्राणी उद्यान में रह रहा है।