दरअसल, कैश लोड करने से पहले नोट की गड्डी को बांधने वाली पट्टी निकालकर डस्टबिन में डाल दी जाती है। यह लुटेरे सबसे पहले एटीएम के डस्टबिन में नजर डालते थे। जिस एटीएम के डस्टबिन में नोट की गड्डियां बांधने वाली झल्ली ( गड्डी पर लगी स्टि्रप को मेवाती लुटेरे झल्ली कहते हैं) ज्यादा होती उसमें उतना अधिक कैश होने का अंदाज लगा लेते।
इसी आधार पर लूट की वारदात अंजाम देते थे। पुलिस खुद हैरान है कि एटीएम लूट की इतनी वारदातों के बाद भी इस लापरवाही को न बैंक समझ पाई और न पुलिस।
दबोचे गए लुटेरे ताहिर का बेटा, शाहरूख खान गैंग का सरगना
26-27 दिसंबर की रात 3 बजे आनंदनगर में घुसकर एसबीआई का एटीएम तावडू (मेवात) के शाहरुख खान की गैंग ने लूटा था। गिरोह को यशवीर गुर्जर निवासी फोहदपुर (धौलपुर, राजस्थान ) एटीएम लूटने लाया था। एटीएम मेवाती गैंग ने लूटा है वारदात के तरीके से पुलिस भांप गई थी। पांच दिन में करीब 1200 से ज्यादा कैमरे के फुटेज खंगालने पर मंगलवार देर रात शालीन (28) पुत्र सलामुद्दीन खान निवासी झिरका (नुहूं) और ताहिर खान निवासी सूंंड़, तावडू (मेवात) को दबोच लिया। शालीन से 2.44 लाख और ताहिर से 50 हजार रुपए मिले हैं। दोनों ने खुलासा किया गैंग का सरगना ताहिर का बेटा शाहरुख खान है । उसने एटीएम लूटने की टीम तैयार की थी।
टीम में 5 हुनरबाज
मुखबिर हिरासत में लुटेरों ने बताया गैंग में सबका काम और टाइमिंग तय होती है। एक सदस्य एटीएम के डस्टबिन में झल्ली देखता है। फिर दूसरा कैमरे पर स्प्रे करने जाता। इससे अलॉर्म बजने का खुटका नहीं रहता। फिर फुर्ती से गैस कटर लेकर तीसरा सदस्य जाता, फिर सभी कैश लेकर भाग जाते। इनका चौथा सदस्य वाहन चालक होता और पांचवां उनके लिए मुखबिरी करने वाला आरोपी होता। कार चालक के बाजू की सीट मुखबिर की रहती है। क्योंकि रास्ते में पुलिस रोक टोक करती है तो मुखबिर बात करता। लोकल होने की वजह से बोलचाल पर पुलिस शक नहीं करती। देर रात यशवीर भी पुलिस के हाथ आ गया, लेकिन उसने अभी मुंह नहीं खोला है।
वारदात से सात दिन पहले रैकी
शालीन और ताहिर ने बताया 10 दिन पहले यशवीर के साथ आनंदनगर में रैकी की थी। यशवीर को ऐसे रास्ते पता है जिन पर गिने चुने सीसीटीवी हैं और टोल नाके नहीं मिलते। दो साल पहले यशवीर की मुखबिरी पर खुर्शीद मेवाती की गैंग ने मुरार, बहोडापुर और मुरैना में तीन एटीएम काटकर 65 लाख रुपया लूटा था।
तीन बार बदली नंबर प्लेट
जिस प्रांत में घुसे वहां की पुलिस को चकमा देने गैंग ने ग्वालियर में घुसकर कार पर एमपी 09, धौलपुर पहुंचकर आरजे 45 और हरियाणा बार्डर पर जाकर एचआर 51 सीरीज की नंबर प्लेट लगा ली थी। लुटेरों ने बताया कि गाड़ी पर फर्जी नंबर की प्लेट बनाने के लिए सोशल साइट से सेकंड हैंड गाडिय़ों को सर्च कर उनके नंबर देखकर फर्जी नंबर प्लेट बनाते हैं।इस टीम ने खुलासा
एटीएम लूटने वाली गैंग बर्स्ट करने में बहोडापुर टीआई जितेन्द्र तोमर, आरक्षक गिर्राज शर्मा, रुस्तम सिंह,विजय सिंह और अंकित तोमर की भूमिका अहम रही है।बाकी लुटेरों की तलाश
एटीएम लूट में दो लुटेरे पकड़े गए हैं। इनमें एक आरोपी की कार से पूरा गैंग वारदात के लिए आया था। उसकी गाड़ी भी जब्त की है। इसके अलावा दोनों लुटेरों से लूटी रकम में कुछ पैसा भी बरामद हुआ है। बाकी आरोपियों की तलाश की जा रही है।-धर्मवीर सिंह यादव, एसपी ग्वालियर
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