आशा और तब्लिशी मादा चीता भी अब बड़े बाड़े में भरेंगी रफ्तार
आशा शा को बड़े बाड़े के कंपार्ट नंबर 6 में तब्लिसी को छोड़ा गया, जबकि कंपार्ट नंबर 7 में आशा को छोड़ा गया है। इस दौरान सीसीएफ उत्तम शर्मा और डीएफओ कूनो पीएके वर्मा भी मौजूद रहे।
आशा और तब्लिशी मादा चीता भी अब बड़े बाड़े में भरेंगी रफ्तार
श्योपुर. कूनो नेशनल पार्क के छोटे बाड़ों में क्वॉरंटीन मादा चीता आशा और तब्लिसी भी अब तीन नर चीतों की तरह बड़े बाड़े में दौड़ लगाएगी। दोनों मादा चीताओं को रविवार को दोपहर साढ़े 3 से 5 बजे के बाद बड़े बाड़े के अलग-अलग कंपार्ट में सफलतापूर्वक छोड़ दिया गया। इसके साथ ही अब बड़े बाड़े में 5 चीते हो गए हैं, जबकि 3 मादा चीता अभी छोटे बाड़ों ही है।
बड़े बाड़े से तेंदुआ को निकाले जाने के बाद रविवार सुबह चीता टास्क फोर्स के सदस्य आइजी फॉरेस्ट अमित मलिक, डब्ल्यूआईआई डीन वाइवी झाला और पीसीसीएफ (वन्यप्राणी) जेएस चौहान कूनो में पहुंचे और स्थानीय अधिकारियों से चर्चा की। इसके साथ बड़े बाड़े में तैयारियों का जायजा लिया। जिसके बाद दो मादा चीता बड़े बाड़े में छोडऩे का निर्णय हुआ। यही वजह है कि दोपहर 3.30 से 5 बजे के बीच आशा और तब्लिसी नामक दो मादा चीतों को छोड़ दिया गया। इसमें आशा को बड़े बाड़े के कंपार्ट नंबर 6 में तब्लिसी को छोड़ा गया, जबकि कंपार्ट नंबर 7 में आशा को छोड़ा गया है। इस दौरान सीसीएफ उत्तम शर्मा और डीएफओ कूनो पीएके वर्मा भी मौजूद रहे।
प्रधानमंत्री ने दिया था आशा नाम
17 दिसंबर को कूनो में प्रधानमंत्री नरेंद्र मोदी ने चीता प्रोजेक्ट का शुभारंभ किया। इस दौरान उन्होंने 3 चीतों को बड़े बाड़े में छोड़ा था। हालांकि अभी तक इसकी कोई अधिकृत पुष्टि नहीं हुई है, लेकिन बताया जाता है कि तत्समय प्रधानमंत्री ने ही एक मादा चीता का नाम आशा रखा था। यही नहीं इसी आशा चीता के गर्भवती होने की तमाम खबरें भी सामने आई, लेकिन सभी अफवाह साबित हुई है।
अभी तीन मादा चीता और शेष
नामीबिया से लाए गए 8 चीतों (3 नर व 5 मादा) में से 3 नर और 2 मादा चीता अब तक बड़े बाड़े में छोड़ी जा चुकी है। अब तीन मादा चीता (जिनके नाम साशा, सवानाह और सियाया) और अभी छोटे बाड़ों में ही क्वॉरंटीन है। बताया जा रहा है कि इन तीनों को भी इसी सप्ताह बड़े बाड़े में छोड़े जाने की संभावना है।
72 दिन बाद छोड़ी गई मादा चीता
17 सितंबर से छोटे बाड़े में क्वॉरंटीन 2 मादा चीताओं को 27 नवंबर को बड़े बाड़े में छोड़ा गया है। इस लिहाज से 72 दिन बाद ये दोनों छोटे बाड़े से निकली हैं। इससे पहले 5 नवंबर को दो नर चीते और 18 नवंबर को एक नर चीते को बड़े बाड़े में छोड़ा गया था।
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