ग्वालियर

arms suspension restored ग्वालियर के 32 हजार लोगों के लिए राहत की खबर, शस्त्र निलंबन बहाल, अब घर ला सकेंगे अपने हथियार

लोकसभा निर्वाचन के लिए लागू की गई आदर्श आचरण संहिता हटा दी गई है। कलेक्टर एवं जिला दण्डाधिकारी रुचिका चौहान ने जिले के जिन शस्त्र लायसेंस को निलंबित किया था, उन सभी सभी लायसेंस को बहाल कर दिया। लायसेंसधारी अब अपने शस्त्र को थानों से वापस ला सकते है। कलेक्टर ने पुलिस अधीक्षक निर्देशित किया […]

ग्वालियरJun 07, 2024 / 06:47 pm

Balbir Rawat

लोकसभा निर्वाचन के लिए लागू की गई आदर्श आचरण संहिता हटा दी गई है। कलेक्टर एवं जिला दण्डाधिकारी रुचिका चौहान ने जिले के जिन शस्त्र लायसेंस को निलंबित किया था, उन सभी सभी लायसेंस को बहाल कर दिया। लायसेंसधारी अब अपने शस्त्र को थानों से वापस ला सकते है। कलेक्टर ने पुलिस अधीक्षक निर्देशित किया है कि लोगों को थाने से उनके शस्त्र वापस दिए जाएं।

लोकसभा निर्वाचन के लिए लागू की गई आदर्श आचरण संहिता हटा दी गई है। कलेक्टर एवं जिला दण्डाधिकारी रुचिका चौहान ने जिले के जिन शस्त्र लायसेंस को निलंबित किया था, उन सभी सभी लायसेंस को बहाल कर दिया। लायसेंसधारी अब अपने शस्त्र को थानों से वापस ला सकते है। कलेक्टर ने पुलिस अधीक्षक निर्देशित किया है कि लोगों को थाने से उनके शस्त्र वापस दिए जाएं।
लोकसभा चुनाव के लिए 16 मार्च को आचार संहिता लग गई थी। आचार संहिता लगने के बाद थानों में शस्त्र जमा हो गए थे। जिन लोगों के शस्त्र जमा हैं, उन्हें नए आदेश का इंतजार है। जिससे थाने से अपने शस्त्र लेकर आ सकें। जिले में 32 हजार 167 शास्त्र लाइसेंस हैं, जिसमें से 31 हजार 209 ने शस्त्रों को जमा किया था। 364 शस्त्र जब्त हैं। 575 को जमा करने से छूट दी गई थी। इसके अलावा शस्त्र लाइसेंस का नवीनीकरण भी बंद था। जिन लोगों की नवीनीकरण की तारीख निकल गई है, उन्हें 2000 रुपए का जुर्माना देना पड़ेगा। उनके लाइसेंस नवीनीकृत हो सकेंगे।

आर्थिक सहायता भी मिल सकेगी

– सामाजिक सुरक्षा में वृद्धा पेंशन, विधवा पेंशन के आवेदन लेना बंद हो गए थे। दिव्यांगों को भी सहायता प्रदान की जाती है। उन्हें भी सहायता मिल सकेगा। अब इनके आवेदन स्वीकार होंगे और उन पर फैसला हो सकेगा।
– सीएम स्वेच्छानुदान के भी आवेदन स्वीकार नहीं हो रहे थे। इन आवेदनों को स्वीकृति के लिए भोपाल भेजा जाता था। इसके अलावा रेड क्रॉस से जो स्थानीय स्तर पर सहायता मिलती थी, वह भी बंद थी। इसके आवेदन भी स्वीकार किए जाएंगे।

ये काम भी हुए थे प्रभावित

– नामांतरण के प्रकरणों को खत्म करने के लिए जिले में अभियान चलाया गया था, लेकिन चुनाव आचार संहिता लगने के बाद नामांतरण पर ध्यान नहीं दिया गया। 14 हजार प्रकरण दर्ज हो गए। मतदान होने के बाद इस दिशा में काम किया गया, लेकिन फिर मतगणना की तैयारी में जुट गए। लोगों को नामांतरण को लेकर लंबे समय से इंतजार था। राजस्व के अधिकारी अब मुक्त हो गए हैं।
– वर्तमान में खेतों में फसल नहीं है। इसके चलते सीमांकन किया जाता है। राजस्व निरीक्षण व पटवारी भी चुनाव कार्य से मुक्त हो गए हैं। 15 जून तक सीमांकन के प्रकरणों का निराकरण करना है।

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