एक घायल जानवर को देखा और मुझसे बोलीं कि पहले मैं उसका इलाज कर लूं, फिर हम बात करते हैं। घायल जानवर को प्राकृतिक इलाज के जरिए एक-दो दिन में ठीक किया।
ग्वालियर•Oct 11, 2015 / 07:10 pm•
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Hindi News / Gwalior / ग्वालियर के पुरखे: अल्पना सरोदे- दीदी ने बदली आदिवासी बच्चों की तकदीर