तानसेन समारोह का 98वां वर्ष
ग्वालियर से निकलकर विश्व स्तर के संगीत प्रेमियों, कला साधकों, शास्त्रीय संगीत के पुरोधाओं को रास आने वाला यह तानसेन समारोह अपना 98वां वर्ष मनाएगा। वहीं दो साल बाद यह अपना शताब्दी वर्ष मनाएगा। इसी के मद्देनजर मध्य प्रदेश शासन के संस्कृति विभाग ने तानसेन समारोह के शताब्दी वर्ष के आयोजन को अविस्मरणीय बनाने के लिए अभी से तैयारियाँ शुरू कर दी हैं। इन तैयारियों का ही एक छोटा सा कदम है तानसेन समारोह का यह विस्तार।
16 दिसंबर से हो जाएगी शुरुआत
इस साल के तानसेन समारोह के तहत गमक की पहली सभा 16 दिसंबर को शिवपुरी में आयोजित की जाएगी। इसके बाद 17 दिसंबर को दूसरी सभा दतिया में आयोजित की जाएगी। समारोह के तहत 22 दिसंबर को एक सभा मुरैना जिले के अंतर्गत ग्राम पड़ावली के समीप स्थित ऐतिहासिक स्थल बटेश्वर मंदिर प्रांगण में सजेगी। आपको बता दें कि ये सभी सभाएं संगीत पर आधारित होंगी।
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18 से 23 दिसंबर तक तानसेन की समाधि पर मुख्य आयोजन
राज्य शासन के संस्कृति विभाग के लिए जिला प्रशासन तथा नगर निगम ग्वालियर के सहयोग से उस्ताद अलाउद्दीन खां संगीत एवम कला अकादमी मध्यप्रदेश संस्कृति परिषद भोपाल का यह प्रतिष्ठापूर्ण आयोजन इस बार भी ग्वालियर में किया जाएगा। यहां 18 दिसंबर से 23 दिसंबर के बीच हजीरा स्थित संगीत सम्राट तानसेन की समाधि स्थल पर यह आयोजन किया जा रहा है। सुरों के इस समागम में देश-विदेश के प्रतिष्ठित और ब्रह्मनाद के शीर्षस्थ साधक सुर सम्राट तानसेन की समाधि पर स्वरांजलि अर्पित करने पहुंचेंगे।
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यह रहेगी कार्यक्रम की रूपरेखा
इस बार तानसेन समारोह के तहत संगीत की नगरी ग्वालियर में 18 दिसंबर को शाम 7 बजे से हजीरा स्थित इंटक मैदान में पूर्वरंग ‘गमक’ का आयोजन किया जाएगा। उप शास्त्रीय संगीत का यह आयोजन तानसेन समारोह का सबसे प्रमुख कार्यक्रम है। गमक की सभा शुरू होने से पहले शाम 5 बजे से गूजरी महल किलागेट से भव्य लोक कला यात्रा निकाली जाएगी। इसमें लोक कलाकार अपनी कला का प्रदर्शन करते हुए आगे बढ़ेंगे। यह यात्रा किला रोड व हजीरा होते हुए गमक आयोजन स्थल इंटक मैदान पहुंचेगी।
* तानसेन समारोह का औपचारिक शुभारंभ 19 दिसंबर को अलंकरण समारोह के साथ किया जाएगा। इस दिन सुबह सुर सम्राट तानसेन की समाधि पर शहनाई वादन, ढोलीबुआ महाराज की हरिकथा एवं मीलाद वाचन से समारोह का पारंपरिक शुभारंभ होगा। शाम को वर्ष 2021 का तानसेन अलंकरण प्रदान किया जाएगा। इसके बाद संगीत सभाओं की शुरुआत की जाएगी।
* तानसेन समारोह में इस बार 10 संगीत सभाएं आयोजित की जा रही हैं।
* पहली सभा 19 दिसंबर की शाम को संपन्न होगी।
* इसके बाद हर दिन प्रात: एवं सायंकालीन सभाएं आयोजित की जाएंगी।
* समारोह के तहत 22 दिसंबर को समानांतर सभा बटेश्वर में भी की जाएगी। यह शास्त्रीय संगीत सभा होगी।
* 23 दिसंबर को प्रात:कालीन सभा तानसेन की जन्मस्थली बेहट में होगी।
* इसी दिन की शाम समारोह की अंतिम शाम होगी। यहां गूजरी महल के परिसर में यह महफिल सजेगी।
* यह अंतिम सभा महिला कलाकारों पर केंद्रित रहेगी। समारोह में विश्व संगीत की सभाएं भी आयेाजित की जाएंगी।
* गमक और विश्व संगीत के कलाकारों के नाम जल्द ही घोषित किए जाएंगे।
* समारोह के अंतर्गत राजा मान सिंह तोमर संगीत एवं कला विश्वविद्यालय में दो दिन 20 एवं 21 दिसंबर को वादी संवादी कार्यक्रम के तहत आमंत्रित कलाकार प्रदर्शन सह व्याख्यान देंगे।
* इसी तरह ललित कला संस्थान के कला विद्यार्थियों के लिए तानसेन समारोह स्थल पर वर्कशॉप भी आयोजित की जा रही है। जिसमें विद्यार्थी अपनी कला का प्रदर्शन करेंगे।
* साथ ही कला वीथिका में भी कला प्रदर्शनी का आयोजन किया जाएगा।