डैम लिंक से तिघरा में आया 700 एमसीएफटी पानी
अपर ककेटो-ककेटो- पेहसारी डैम
शृंखला (डैम लिंक) से अब तक तिघरा में 700 एमसीएफटी पानी आ चुका है। इस
मानसूनी सत्र में तिघरा में कुल करीब 900 एमसीएफटी पानी आ चुका है।
ग्वालियर . अपर ककेटो-ककेटो- पेहसारी डैम शृंखला (डैम लिंक) से अब तक तिघरा में 700 एमसीएफटी पानी आ चुका है। इस मानसूनी सत्र में तिघरा में कुल करीब 900 एमसीएफटी पानी आ चुका है। तिघरा के जल स्तर में करीब 5 फीट पानी का इजाफा हुआ है। 25 जुलाई से अब तक तिघरा में आए इस पानी के चलते शहर को कुछ राहत मिली है। तिघरा में करीब 3 फीट पानी बारिश से आया है। अलबत्ता मुकम्मल राहत के लिए अभी भी साढ़े सात फीट पानी और चाहिए।
जानकारी के मुताबिक रोजाना करीब बीस से तीस एमसीएफटी पानी पेहसारी से तिघरा आ रहा है। उम्मीद जताई जा रही कि अगले 45 दिनों में तिघरा भरा जा सकता है। दरअसल तिघरा के रिवर लिंक के तीनों बांध इस समय भर चुके हैं। अपर ककेटो, ककेटो और पेहसारी तीनों लबालब हैं। पेहसारी से जितना पानी तिघरा में आ रहा है, उतना पानी ककेटो से पेहसारी में छोड़ा जा रहा है। इसके ऊपर ककेटो से ककेटो मंे पानी लाने का विकल्प फिर भी सुरक्षित है। एसडीओ मोहित जैन ने बताया कि तिघरा के लिए लगातार पानी छोड़ा जाता रहा है। वरिष्ठ अफसरों की इस पर नियमित निगरानी है।
बारिश से मिला धोखा
बरसात ने इस साल तिघरा को जबरदस्त धोखा दिया है। 17 सितम्बर को तिघरा बांध के डाउन स्ट्रीम में केवल 50 मीटर के फासले से इस साल की रिकार्ड 60 एमएम बारिश हुई,लेकिन तिघरा में बारिश नहीं हुई। सांक नदी उफान पर आ गई। इलाके के सभी नाले और झरने चालू हो गए, लेकिन तिघरा में एक बूंद पानी नहीं बरसा। बारिश का पानी केवल जुलाई के मध्य में आया था।
हाईकोर्ट की है नजर
उधर शासन पहले ही निर्णय ले चुका है कि इस साल बांधों के लिंक सिस्टम का फायदा उठाकर तिघरा को हर हाल में भरा जाएगा। ताकि जल संकट की किसी भी आशंका को खारिज किया जा सके। इस मामले में हाईकोर्ट की भी नजर है। जल संसाधन विभाग मुकम्मल पानी उपलब्ध कराने की बात कह चुका है। इसके लिए वह डैम और रिवर लिंक का फायदा उठा रहा है।
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