भिंड ग्वालियर मार्ग को 6 लेन बनाने की घोषणा की गई लेकिन काम शुरु नहीं किया गया। ऐसे में लोग आगे आए और भिंड-ग्वालियर हाइवे बनाओ जन संघर्ष समिति के तत्वावधान व संत समाज के नेतृत्व में 30 सितंबर को रैली निकालकर कलेक्टर कार्यालय के बाहर अनिश्चित कालीन धरना शुरू कर दिया। इस पर प्रशासन ने छह माह में हाइवे निर्माण की प्रक्रिया शुरु करने का आश्वासन देकर आंदोलन स्थगित करवा दिया था।
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अब पता चला है कि नए 6 लेन हाईवे का प्रस्ताव वर्ष 2028 तक टाल दिया गया है। मार्ग का निर्माण और संधारण करने वाली कंपनी ने कोरोनाकाल और चंबल पुल क्षतिग्रस्त होने से हुए बड़े राजस्व नुकसान का हवाला देकर अपना अनुबंध 3 साल के लिए बढ़वा लिया है। ऐसे में लोग आक्रोशित हो उठे हैं।
अब पता चला है कि नए 6 लेन हाईवे का प्रस्ताव वर्ष 2028 तक टाल दिया गया है। मार्ग का निर्माण और संधारण करने वाली कंपनी ने कोरोनाकाल और चंबल पुल क्षतिग्रस्त होने से हुए बड़े राजस्व नुकसान का हवाला देकर अपना अनुबंध 3 साल के लिए बढ़वा लिया है। ऐसे में लोग आक्रोशित हो उठे हैं।
संत समिति के जिलाध्यक्ष संत कालीदास बाबा ने लिखित बयान जारी कर कहा है कि एमपीआरडीसी की ओर से ग्वालियर-भिंड-इटावा मार्ग पर 6 लेन का प्रस्ताव 3 साल के लिए टाल दिया है। संत समाज को 30 सितंबर को अधिकारियों ने छह माह में काम आगे बढ़ाने का आश्वासन दिया था। इसलिए अब सरकार को बताना चाहिए कि वास्तविक स्थिति क्या है? यदि सरकार अपनी बात से पीछे हटती है तो संत समाज भी छह माह तक आंदोलन न करने की अपनी वचनबद्धता को खत्म कर देगा और अनिश्चितकालीन आंदोलन शुरू कर देगा।
एनएच 719 कई जगहों पर महज 30 फीट की सिंगल रोड
बता दें कि राष्ट्रीय राजमार्ग क्रमांक 719 कई जगहों पर महज 30 फीट की सिंगल रोड है। इससे हाईवे पर आए दिन दुर्घटनाएं होती रहती हैं जिसमें कई लोग अपनी जान गवां बैठे हैं। 6 लेन बनने से न केवल एमपी से यूपी तक का सफर आसान होगा बल्कि हादसों का डर भी कम होगा।
बता दें कि राष्ट्रीय राजमार्ग क्रमांक 719 कई जगहों पर महज 30 फीट की सिंगल रोड है। इससे हाईवे पर आए दिन दुर्घटनाएं होती रहती हैं जिसमें कई लोग अपनी जान गवां बैठे हैं। 6 लेन बनने से न केवल एमपी से यूपी तक का सफर आसान होगा बल्कि हादसों का डर भी कम होगा।