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काम करने से रोका तो फांसी लगा लीन्यायमूर्ति संजय यादव एवं न्यायमूर्ति अशोक कुमार जोशी ने मुस्कान सामाजिक एवं शिक्षा प्रसार एवं प्रचार समिति की याचिका को खारिज करते हुए अपने आदेश में कहा कि प्रवेश की अंतिम तिथि के छह माह बाद प्रवेश के लिए आवेदन प्रस्तुत किए गए, इसलिए मेडिकल काउंसिल द्वारा उनके प्रवेश निरस्त करने के संबंध में दिया गया निर्णय सही है। समिति द्वारा गुना में प्रायवेट मेडिकल संचालित किया जाता है।
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समिति ने आवेदन में कहा कि जिन छात्रों द्वारा आवेदन प्रस्तुत करने में विलंब हुआ है उन्हें प्रवेश की अनुमति दी जाए। एनआरआई वर्ग में प्रवेश के लिए अंतिम तिथि 22 नवंबर 16 थी। कॉलेज द्वारा इस तिथि के बाद भरे गए आवेदनों को मेडिकल काउंसिल द्वारा निरस्त कर दिया गया था। मेडिकल काउंसिल ऑफ इंडिया के इस आदेश के खिलाफ कॉलेज को संचालित करने वाली समिति ने उच्च न्यायालय में याचिका प्रस्तुत की थी। समिति द्वारा प्रस्तुत याचिका में कहा गया कि छात्रों को प्रवेश के लिए जो सूची भेजी गई थी उसमें इन छात्रों के नाम भी शामिल थे।
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काउंसिल का कहना था कि उसमें इन छात्रों के नाम नहीं थे। मेडिकल काउंसिल के अधिवक्ता सीआर रोमन तथा आनंद राव मांढरे का कहना था कि कॉलेज ने संशोधन कर दूसरी सूची भेजी थी, उसमें सभी सत्रह छात्रों के नाम थे। इन छात्रों को अंतिम तिथि के बाद प्रवेश दिया गया था। जबकि कॉलेज की ओर से कहा गया कि इन छात्रों को परीक्षा में बैठने की अनुमति दी जाए, यदि उनका प्रवेश निरस्त किया जाता है तो इससे छात्रों का एक वर्ष बर्बाद हो जाएगा।
काउंसिल का कहना था कि उसमें इन छात्रों के नाम नहीं थे। मेडिकल काउंसिल के अधिवक्ता सीआर रोमन तथा आनंद राव मांढरे का कहना था कि कॉलेज ने संशोधन कर दूसरी सूची भेजी थी, उसमें सभी सत्रह छात्रों के नाम थे। इन छात्रों को अंतिम तिथि के बाद प्रवेश दिया गया था। जबकि कॉलेज की ओर से कहा गया कि इन छात्रों को परीक्षा में बैठने की अनुमति दी जाए, यदि उनका प्रवेश निरस्त किया जाता है तो इससे छात्रों का एक वर्ष बर्बाद हो जाएगा।