हम बात कर रहे है मेघालय के तुरा के जिला उपायुक्त राम सिंह (43) की। वह मूलत: हिमाचल प्रदेश के निवासी हैं। 2008 बैच के आईएएस अधिकारी राम सिंह ने मेघालय को अपनी कर्मभूमि बनाया है। वे फिट इंडिया को अपना मिशन बना चुके हैं। हर रोज सुबह मार्निंग वॉक करने के अलावा हर हफ्ते वे पहाड़ी इलाके में दस से 12 किलोमीटर पैदल चलते हैं। ऐसा वे साप्ताहिक बाजारों से जैविक सब्जियां खरीदने के लिए करते हैं। उनके पीछे परंपरागत बांस की टोकरी कंधों से लगी रहती है। उनके इस तरीके को अनेक अधिकारी भी अपनाने लगे हैं। सिंह ने सोशल मीडिया पर अपनी जीवनशैली को साझा किया तो कई लोगों ने इसे अपने जीवन में उतारान शुरु कर दिया।
यह कहते है रामसिंह…
वे कहते हैं कि मुख्य आइडिया पैदल चलने का है ताकि ट्रैफिक समस्या व पार्किंग की समस्या से निजात पाने के साथ ही खुद को फिट रखा जा सके। मैं यह पिछले छह महीने से कर रहा हूं। मैं अपनी पत्नी को भी साथ ले लेता हूं जो कि फिटनेस के प्रति काफी सजग है। हमारे यहां ट्रैफिक जाम और पार्किंग की समस्या है। इसके अलावा प्लास्टिक भी एक बड़ा मुद्दा है। इसलिए हम लोगों को बांस की टोकरी का इस्तेमाल करने को कहते हैं। लोग कहते है कि बहुत सब्जियां लाना दिक्कत है। इसलिए मैंने उन्हें कोकचेंग(एक स्थानीय बांस की टोकरी) लेने को कहा है। इस पर वे हंसते है तो मैं खुद इसे लेकर पत्नी के साथ निकल आता हूं। यह टोकरी मुझे बेहद काम की लगती है।
आधुनिक चुनौतियों का पारंपरिक समाधान…
मुझे लगता है कि आधुनिक चुनौतियों का सामना हम पारंपरिक समाधानों के जरिए कर सकते हैं। यदि हम पारंपरिक तरीके अपना लेंगे तो हम फिट रह सकेंगे। सिंह ने अपने कार्यालय में मिठाई परोसने पर भी पाबंदी लगा रखी है। वे खुद भी इसका इस्तेमाल नहीं करते। वे शेयर के टैम्पो में जाने के साथ ही मिनी ट्रक के पीछे भी सवार होकर यात्रा कर लेते हैं।