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गुवाहाटी

मिज़ोरम ने मोदी सरकार और बांग्लादेश से सीमा व्यापार केंद्र को जल्द शुरू करने की मांग की

विधानसभा में प्रश्नकाल के दौरान म्यांमार और बांग्लादेश के साथ सीमा व्यापार पर चर्चा के दौरान पूछे गए एक सवाल के जवाब में मुख्यमंत्री ने बताया…

गुवाहाटीJun 13, 2019 / 04:01 pm

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मिज़ोरम ने केंद्र सरकार और बांग्लादेश से सीमा व्यापार केंद्र को जल्द शुरू करने की मांग की

(आइज़ोल,सुवालाल जांगु): मिज़ोरम विधानसभा के अधिवेशन में चल रही चर्चा में भाग लेते हुए मुख्यमंत्री जोरमथंगा ने सदन को सूचित किया कि राज्य सरकार, भारत-बांग्लादेश सीमा पर मिज़ोरम में कोरपुईछुआह स्थित सीमा-व्यापार केंद्र को जल्द शुरू करने के लिए केंद्र सरकार और बांग्लादेश से निवेदन करेगी।

 

विधानसभा में प्रश्नकाल के दौरान म्यांमार और बांग्लादेश के साथ सीमा व्यापार पर चर्चा के दौरान पूछे गए एक सवाल के जवाब में मुख्यमंत्री ने बताया, ”मैंने केन्द्रीय विदेश मंत्रालय और वाणिज्य मंत्रालय और बांग्लादेश की प्रधानमंत्री के सामने इस मामले को उठाया है। अब मामला दोनों देशों की सरकारों के हाथ में है।”


मुख्यमंत्री ने आगे कहा कि मैं व्यक्तिगत तौर पर जल्द ही इस मामले को केंद्र की नई सरकार के साथ रखूंगा। कलादान बहुविध परिवहन मार्ग परियोजना (केएमटीटीपी) के बारे में पूछे गए एक सवाल के जवाब में मुख्यमंत्री ने बताया कि भारत सरकार की तरफ से वित्तीय सहायता देने के बावजूद म्यांमार की तरफ वाले हिस्से में कोई काम शुरू नहीं हुआ है और इसी की वजह से परियोजना के पूरे होने में देरी हो रही है।

 

सत्तारूढ़ सदस्यों की ओर से केएमटीटीपी परियोजना को लेकर पूछे गए सवालों के जवाब में मिज़ोरम के वाणिज्य और उद्योग मंत्री डॉ. आर. ललथांगलिआना ने कहा कि मिज़ोरम से म्यांमार के सित्त्वे पोर्ट के बीच सड़क और नदी मार्ग का भारत के हिस्से वाले काम का लगभग 86 फीसदी पूरा हो चुका हैं। अगले साल मार्च तक इस परियोजना का भारतीय हिस्से का काम पूरा कर लिया जाएगा। केएमटीटीपी परियोजना के अंतर्गत दक्षिण मिज़ोरम के लोंगतलाई जिला से म्यांमार सीमा को सड़क मार्ग से जोड़ा जा रहा है। म्यांमार में केएमटीटीपी मार्ग को सड़क और नदी परिवहन के तहत जोड़ा जा रहा है, जो अंत में म्यांमार के सित्त्वे पोर्ट (जो पहले अकयाब बंदरगाह के नामे से भी जाना जा था) से जुड़ेगा। लगभग 700 किलोमीटर लंबे सड़क और नदी मार्ग परियोजना की लागत एक बिलियन डॉलर के काम का शिलान्यास 2008 में हुआ था।

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