मिजोरम और असम के 8 चकमा जनजाति संगठनों के प्रतिनिधियों ने केंद्रीय गृह मंत्री राजनाथ सिहं से निवेदन किया है कि म्यानमार में जनजातीय संघर्ष की वजह से भारत में आए चिन जनजाति के 1,20,000 शरणार्थियों को भी भारत की नागरिकता दी जाए। इस बाबत संगठन पदाधिकारियों ने 31 जनवरी से शुरू हो रहे बजट अधिवेशन में मौजूदा बिल में संशोधन कर म्यांमार से आए चिन जनजाति के शरणार्थियों को भारत की नागरिकता देने के प्रस्ताव को शामिल करने की मांग की है।
मौजूदा नागरिकता संशोधन विधेयक, 2016 का मकसद नागरिकता विधेयक 1955 में संशोधन कर बांग्लादेश, पाकिस्तान और अफगानिस्तान से धार्मिक अत्याचार की वजह से 31 दिसंबर 2014 तक भारत में आए हिन्दू, सिख, बौद्ध जैन, पारसी और ईसाई धर्म के लोगों को नागरिकता प्रदान करना है। लोकसभा ने पहले ही इस बिल को पास कर दिया है लेकिन राज्यसभा से यह बिल अभी पास बाकी होना है।