Read this also: #LockdownSideEffect: 30 प्रतिशत लोगों में हावी होने लगा चिड़चिड़ापन, भविष्य की अनिश्चितता को लेकर 53 प्रतिशत लोग परेशान मध्य प्रदेश (Madhya Pradesh) में कांग्रेस की तत्कालीन कमलनाथ सरकार (Kamalnath sarkar)ने किसानों के लिए बीते साल बोनस(bonus) की घोषणा की थी। घोषणा के अनुसार 25 मई 2019 तक सरकारी क्रय केंद्रों पर गेहूं बेचने वाले किसानों को समर्थन मूल्य के अतिरिक्त 160 रुपये प्रति कुंतल के हिसाब से बोनस भी दिया जाएगा।
गुना के गेहूं किसानों ने बढ़चढ़कर अपनी फसल को क्रय केंद्रों तक पहुंचाया और तौल कराई। लेकिन जब किसानों को उनकी फसल की कीमत आनी शुरू हुई तो बोनस का एक फूटी कौड़ी तक उनके खाते में नहीं आया। परेशान किसान बैंकों से संपर्क किया तो बताया गया कि कोई बोनस की धनराशि नहीं मिली है। कुछ दिन इंतजार के बाद किसानों ने जनप्रतिनिधियों व अधिकारियों से संपर्क किया लेकिन कोई नतीजा नहीं निकल सका।
गुना के गेहूं किसानों ने बढ़चढ़कर अपनी फसल को क्रय केंद्रों तक पहुंचाया और तौल कराई। लेकिन जब किसानों को उनकी फसल की कीमत आनी शुरू हुई तो बोनस का एक फूटी कौड़ी तक उनके खाते में नहीं आया। परेशान किसान बैंकों से संपर्क किया तो बताया गया कि कोई बोनस की धनराशि नहीं मिली है। कुछ दिन इंतजार के बाद किसानों ने जनप्रतिनिधियों व अधिकारियों से संपर्क किया लेकिन कोई नतीजा नहीं निकल सका।
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हालांकि, किसानों में बढ़ते असंतोष को देखते हुए बीते साल जुलाई महीना में हुई जिला योजना समिति की बैठक में जिला पंचायत सदस्य बृजमोहन आजाद (BrijMohan Azad) ने मुद्दा प्रमुखता से उठाया। बैठक में शामिल प्रभारी मंत्री इमरती देवी(Minister Imarti devi), नगरीय विकास मंत्री जयवर्धन सिंह (Minister Jayavardhan Singh) व पूर्व मंत्री महेंद्र सिंह सिसौदिया (Ex Minister Mahendra Singh Sisaudiya)से तत्कालीन मुख्यमंत्री कमलनाथ से इस मुद्दे पर चर्चा कर हल निकालने का आश्वासन दिया। लेकिन बैठक में मिला आश्वासन अमलीजामा नहीं पहन सका। किसान पूरे साल दौड़ते रहे और आश्वासन पाते रहे। कमलनाथ सरकार के जाने के बाद अब किसानों की उम्मीद भी खत्म होती जा रही है।
हालांकि, किसानों में बढ़ते असंतोष को देखते हुए बीते साल जुलाई महीना में हुई जिला योजना समिति की बैठक में जिला पंचायत सदस्य बृजमोहन आजाद (BrijMohan Azad) ने मुद्दा प्रमुखता से उठाया। बैठक में शामिल प्रभारी मंत्री इमरती देवी(Minister Imarti devi), नगरीय विकास मंत्री जयवर्धन सिंह (Minister Jayavardhan Singh) व पूर्व मंत्री महेंद्र सिंह सिसौदिया (Ex Minister Mahendra Singh Sisaudiya)से तत्कालीन मुख्यमंत्री कमलनाथ से इस मुद्दे पर चर्चा कर हल निकालने का आश्वासन दिया। लेकिन बैठक में मिला आश्वासन अमलीजामा नहीं पहन सका। किसान पूरे साल दौड़ते रहे और आश्वासन पाते रहे। कमलनाथ सरकार के जाने के बाद अब किसानों की उम्मीद भी खत्म होती जा रही है।
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हालांकि, किसान नेता बृजमोहन आजाद अब इस मामले को मुख्यमंत्री शिवराज सिंह चौहान (MP CM Shivraj Singh Chauhan) तक पहुंचाने का दावा कर रहे हैं। उनका कहना है कि वह किसानों का हक किसी को मारने नहीं देंगे।
उधर, कृषि उप संचालक अशोक उपाध्याय का कहना है कि किसानों की बोनस राशि की मांग सरकार से की गई है। जैसे ही धन आवंटन होगा किसानों को बोनस राशि उनके खातों में भेज दिया गया है।
हालांकि, किसान नेता बृजमोहन आजाद अब इस मामले को मुख्यमंत्री शिवराज सिंह चौहान (MP CM Shivraj Singh Chauhan) तक पहुंचाने का दावा कर रहे हैं। उनका कहना है कि वह किसानों का हक किसी को मारने नहीं देंगे।
उधर, कृषि उप संचालक अशोक उपाध्याय का कहना है कि किसानों की बोनस राशि की मांग सरकार से की गई है। जैसे ही धन आवंटन होगा किसानों को बोनस राशि उनके खातों में भेज दिया गया है।
24 करोड़ से अधिक है बोनस बकाया गुना क्षेत्र के 18 हजार 262 किसानों ने अपना गेहूं सरकारी क्रय केंद्रों पर पिछले साल बेचा था। इन किसानों को गेहूं की तय कीमत तो दी जा चुकी है लेकिन बोनस राशि का एक पैसा भी नहीं मिल सका है। किसानों को 160 रुपये प्रति कुंतल का बोनस देने का सरकार ने वादा किया था। कृषि विभाग के अनुसार किसानों को बोनस बांटने के लिए प्रदेश सरकार से 24 करोड़ 29 लाख पांच हजार तीन सौ रुपये बोनस राशि की मांग की गई है।