अब सरकारी स्कूलों में कक्षा 4 तक के बच्चों को किसी भी तरह का होमवर्क नहीं दिया जाएगा। इसी तरह कक्षा 5 से लेकर 8वीं तक के छात्र-छात्राओं के लिए अधिकतम होमवर्क के घंटे तय कर दिए गए हैं। ताकि बेहतर माहौल में पढ़ाई जा सके। होमवर्क के नियमों को संशोधित कर कक्षा 4 तक की कक्षाओं के छात्रों को किसी भी तरह का होमवर्क नहीं दिया जाएगा।
2 घंटे का मिलेगा होमवर्क
5वीं के छात्र-छात्राओं को प्रति सप्ताह अधिकतम 2 घंटे, कक्षा 6 से 8वीं तक प्रतिदिन अधिकतम 1 घंटे, कक्षा 9 से 12वीं तक के बच्चों को प्रतिदिन अधिकतम 2 घंटे का ही गृह कार्य यानी होमवर्क दिया जाएगा। व्यवस्था के तहत कक्षा 1-2 व कक्षा 3 व 4 के लिए गाइडलाइन बनाई हैं। ये मार्गदर्शिका हिंदी, गणित व अंग्रेजी विषय से संबंधित हैं। इनमें प्रत्येक सप्ताह पाठ्य योजना दी गई है। इससे छात्रों पर पढ़ाई के साथ ही रोज-रोज स्कूल से घर और घर से स्कूल भारी बस्ते से मुक्ति मिल जाएगी।निजी स्कूलों पर कोई असर नहीं दिखा
निजी स्कूलों में भी बस्ते को बोझ निर्धारित किया गया है। मानव संसाधन विकास मंत्रालय ने 24 नवंबर 2020 को आदेश जारी किया था। लेकिन इसका पालन नहीं हो रहा है। समय-समय पर इसी आदेश के संज्ञान में डीईओ कार्यालय से 28 सितंबर 2022 को पत्र जारी हुआ। इसी तरह 3 अन्य पत्र जारी हो चुके हैं। इसी के साथ 15 मई 2024 को उच्च न्यायालय ने भी बस्ते का बोझ कम करना अनिवार्य किया है। निजी स्कूलों में इन आदेशों को लेकर पूरी तरह अनदेखी की जाती है। शहर के कई स्कूलों में प्राइमरी कक्षा के भी विद्यार्थियों के बस्ते का वजन 5-10 किग्रा तक होता है।