गुना

बिना मॉनीटरिंग के प्रोजेक्ट : 7 गांवों में नलजल योजना बंद पड़ी, कहीं तकनीकी खराबी तो कहीं काम पूरा ही नहीं

गर्मी बढ़ने के साथ ही ट्यूबवेल, हैंडपंप और कुओंं ने दम तोड़ा तोड़ा तो गंभीर हुआ पेयजल संकट
दो बड़ी पंचायतों में करोड़ों रूपए की जलावर्धन योजना का काम अधूरा, कई महीनों से बंद पड़ा
पीएचई ने सभी पंचायतों को पत्र भेजकर कहा, खराब उपकरणों को सुधरवाने की जिम्मेदारी पंयायत की

गुनाApr 09, 2024 / 09:31 pm

Narendra Kushwah

बिना मॉनीटरिंग के प्रोजेक्ट : 7 गांवों में नलजल योजना बंद पड़ी, कहीं तकनीकी खराबी तो कहीं काम पूरा ही नहीं

गुना . जैसे-जैसे गर्मी बढ़ती जा रही है, वैसे-वैसे पेयजल समस्या गंभीर होती जा रही है। ग्रामीण अंचल से मिलने वाली शिकायतों के बाद संबंधित विभाग पत्राचार कर पेयजल समस्या से निपटने के निर्देश पंचायतों को देकर अपने कर्तव्य की इतिश्री समझ रहा है। उधर ग्रामीण पेयजल के लिए जद्दोजहद करते नजर आ रहे हैं। ग्रामीण क्षेत्रों में पेयजल संकट के जो हालात सामने आ रहे हैं, इसकी मुख्य वजह पानी उपलब्ध करवाने वाली नलजल योनजाओं का संचालन न होना है। हर गांव में योजना के बंद होने के कारण भी अलग-अलग सामने आए हैं। कुछ में तो तकनीकी समस्याएं तो कहीं योजना का काम ही पूरा नहीं हुआ है। क्योंकि जिन अधिकारियों पर इन प्रोजेक्ट की मॉनीटरिंग करने का जिम्मा था उन्होंने नियमित रूप से मौके पर जाकर काम की गुणवत्ता और प्रोग्रेस देखी ही नहीं। जब अधिकारी देखने पहुंचे तब तक काफी देर चुकी थी। निर्माण कार्य में तकनीकी कमी बताई तो फिर यह काम फिर से शुरू ही नहीं हो सका। जिसका खामियाजा वर्तमान में ग्रामीणों को गंभीर पेयजल संकट के रूप में भुगतना पड़ रहा है।

विकासखंड बमोरी के 7 गांव में 7 नलजल योजनाएं बंद
ग्राम-बंद होने का कारण
बागेरी-पंचायत द्वारा नहीं चलाए जाने के कारण
ग्वारखेड़ा-दोनों मोटर पंप जले एवं पंचायत द्वारा न चलाए जाने के कारण
पाठी-मोटरपंप खराब एवं राइजर पाइप की कमी
इमलिया-मोटर पंप खराब एवं पंचायत की अरुचि
मगरोड़ा, आनंदपुर- मोटर खराब एवं राइजर पाइप की कमी
प्रयागपुर- मोटर पंप जली
अमरोद, तिनस्याई-बिजली समस्या

पेयजल संकट बढ़ने के यह भी कारण
गुना में 31, बमोरी में 67, आरोन में 17 सिंगलफेस मोटर पंप विभिन्न कारणों से खराब होकर बंद हो गए हैं। जिसके कारण ग्रामों में पेयजल समस्या उत्पन्न हो रही है। शासन के निर्देशानुसार ग्रामीण क्षेत्र में स्थापित सिंगलफेस मोटरपंपों एवं नलजल योजना का संचालन व संधारण का दायित्व संबंधित ग्राम पंचायत का है।

इन दो उदाहरणों से समझे नलजल योजना के कार्यों की जमीनी हकीकत
विधानसभा : बमोरी
ग्राम पंचायत फतेहगढ़
आबादी : 5 हजार से अधिक
स्थिति : गांव की पेयजल समस्या दूर करने के लिए 2022 में नलजल योजना का काम शुरू हुआ, जो आज तक पूरा नहीं हो सका। योजना की लागत 2 करोड 91 लाख रुपए है। वर्तमान में सिर्फ टंकी बनी है। न टयूबवेल उत्खनित हुआ और न ही सप्लाई लाइन गांव में घर-घर तक बिछी है। जहां लाइन बिछी वहां क्षतिग्रस्त हो गई। क्योंकि उसे सही गहराई पर नहीं दबाया गया।

ग्रामीणों की परेशानी उनकी जुबानी
पानी की किल्लत इतनी ज्यादा हो रही है कि सुबह उठते ही पानी की जुगत मे लगना पड़ता है। जिसके बाद अपनी दुकान जाना होता है। यदि नल जल योजना सही तरीके से चालू हो जाए तो पूरे गांव को एक बड़ी समस्या से निजात मिल जाएगी।
दीपक अग्रवाल, ग्रामीण

शिकायत की तो विभाग ने ठेकेदार को ही मेरा नंबर दे दिया
ठेकेदार की मनमानी से तंग आकर मैंने सीएम हेल्प लाइन पर शिकायत की थी। लेकिन पीएचई विभाग ने ठेकेदार के ऊपर कार्यवाही करने की अपेक्षा ठेकेदार को ही शिकयतकर्ता के रूप में मेरा नंबर दे दिया, जिससे अब ठेकेदार सीएम हेल्प लाइन काटने दवाब बना रहा है।
हरिओम वैरागी, ग्रामीण

न कार्रवाई हुई और न घरों में कनेक्शन
टेंडर की शर्त के अनुसार घरों में कनेक्शन देने थे। लेकिन ऐसा न होने पर मैंने सीएम हेल्प लाइन लगा दी। जिस पर न तो कार्रवाई हुई और ना घरों में कनेक्शन। अब ठेकेदार शिकायत कटवाने हर दूसरे दिन दबाव बना रहा है।
नवल लोधी, ग्रामीण

500 रुपए महीने में सिर्फ पीने का पानी मिल पा रहा
हमारे मोहल्ले में न लाइन बिछाई है और न कनेक्शन हुए। कई बार पंचायत और निर्माण एजेंसी को बताया पर अब तक कुछ नहीं हुआ। 500 रुपए महीना देकर पीने योग्य पानी मिल रहा है। जिसके बाद भी पानी की जरूरत पूरी नहीं होती।
शंकर योगी, ग्रामीण

विधानसभा बमोरी : ग्राम पंचायत खजूरी
आबादी : 3 हजार से अधिक
स्थिति : राजघाट परियोजना के तहत नलजल योजना चालू कराने खजूरी में बड़ी टंकी बननी है। जिससे आसपास के 6 गांव नसीरा, सेंधुआ, खजूरी, पदमनखेूड़ी, शाहरपुर, रीछई में पेयजल सप्लाई होना है। एक साल पहले टंकी निर्माण का कार्य एलएनटी कंपनी ने शुरू किया। जो आज तक अधूरा है। वर्तमान में सिर्फ टंकी का ढांचा ही बन सका है। पत्रिका पड़ताल में सामने आया है कि योजना की मॉनीटरिंग की जिम्मेदारी पीएचई विभाग की थी। इंजीनियर ने नियमित मॉनीटरिंग नहीं की। जब वे पहुंचे तब टंकी का स्ट्रक्चर तैयार हो चुका था। देखते ही एक पिलर को टेड़ा बताया। इसके बाद न तो उस गलती को सुधारा गया और न ही काम शुरू हुआ। वहीं गांव में 75 प्रतिशत ही लाइन बिछाने का काम हुआ है।

ग्रामीणों की परेशानी उनकी जुबानी

3 किमी दूर से पानी लाना पड़ रहा
हमारे गांव में पानी की काफी समस्या है। 3 किमी दूर खेतों पर लगे बोर से पानी लाना पड़ रहा है। नल जल योजना की टंकी का कार्य 1 साल से चल रहा है लेकिन अभी तक पूर्ण नहीं हुआ है। ठेकेदार ने काम बीच में ही छोड़ दिया है। जलस्तर गिरने से ग्रामवासी पानी से काफी समस्या से जूझ रहे हैं।
पवन गिरी, ग्राम खजूरी

जल स्तर काफी नीचे चला गया है
हमारे गांव में जलस्तर काफी नीचे चला गया है। जिससे हैंडपंप एवं कुआं में भी पानी नहीं है। हम नल जल योजना के तहत पानी का इंतजार कर रहे हैं लेकिन एक साल हो चुकी है, अभी तक हमारे ग्राम में पानी तक नहीं आया है।
प्रमोद पुरी, ग्राम सेंधवा

हैंडपंपों ने साथ छोड़ दिया है
हमारे यहां नल जल योजना के तहत लाइन बिछ चुकी है। लेकिन पानी अभी तक चालू नहीं हुआ है। जिससे ग्राम वासियों को भीषण गर्मी में पीने के पानी के लिए बहुत ज्यादा परेशान होना पड़ रहा है। खेती से संबंधित कार्य करें या फिर पानी की जुगाड़ में ही घूमते रहें। हैंडपंपों ने पूरी तरह से साथ छोड़ दिया है।
आशीष यादव, ग्राम नसिरा

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