गुना

पत्रिका ग्राउंड रिपोर्ट : कॉलोनाइजर की गलती का दंश झेल रही जनता

गोविन्द गार्डन और लूशन का बगीचावासी बोले कलेक्टर साहब कॉलोनाइजरों ने की धोखाधड़ी, दर्ज कराएं मुकदमा
प्लाट बेचते समय कॉलोनाइजरों ने दिखाए विकास के सपने
कॉलोनी काटते ही भूले दावे, न बिजली मिल रही और न ही सफाई

गुनाMay 20, 2022 / 02:18 am

Narendra Kushwah

पत्रिका ग्राउंड रिपोर्ट : कॉलोनाइजर की गलती का दंश झेल रही जनता

गुना. शहर के कैंट क्षेत्र में स्थित लूशन का बगीचा और गोविंद गार्डन इलाके में रहने वाले हजारों नागरिक पिछले काफी समय से मूलभूत सुविधाओं के अभाव में समस्याओं से जूझ रहे हैं। यूं तो कॉलोनी को बसे वर्षों हो चुके हैं। लेकिन पिछले 10 सालों में इस इलाके में बड़ी संख्या में नवनिर्माण हुआ है। वर्तमान में कैंट क्षेत्र में सबसे घनी आबादी वाले इलाकों में से एक है। कॉलोनाइजर्स ने नागरिकों को प्लाट बेचते समय सभी तरह की सुविधाएं उपलब्ध कराने का दावा किया लेकिन कॉलोनी कट जाने के बाद वह अपने सभी आश्वासन भूल गया। नतीजतन आज जनता समस्याओं से जूझ रही है। जनता की सब्र का बांध टूट चुका है। नागरिकों का कहना है कि उनके साथ धोखाधड़ी हुई है, इसलिए वे कलेक्टर से मिलकर कॉलोनाइजर पर आपराधिक मामला दर्ज कराएंगे और मूलभूत सुविधाएं उपलब्ध कराने की मांग करेंगे।
दो दिन पूर्व बिजली की समस्या से परेशान गोविन्द गार्डन और लूशन का बगीचा निवासियों ने गुना-अशोकनगर रोड पर जाम लगाया था। यहां रहने वाले लोगोंं की समस्याएं जानने के लिए पत्रिका टीम जब लूसन का बगीचा और गोविन्द गार्डन पहुंची तो वहां एक नहीं कई तरह की समस्याएं सामने आईं और उन्होंने एक ही बात कही कि हमारे साथ प्लॉट बेचते समय कॉलोनाइजरों ने धोखाधड़ी की। इन लोगों ने बताया कि हमें प्लॉट बेचने वाले कॉलोनाइजर भी आजकल सत्ता से जुड़े राजनैतिक संगठन में नेतागिरी कर रहे हैँ। हमारी मांग है कि हमारे साथ ठगी करने वाले कॉलोनाइजरों के विरुद्ध कानूनी कार्रवाई की जाए।

ये हैं प्रमुख समस्याएं जो नागरिकों को परेशान कर रहीं

सड़क-नाली : नियमानुसार मकान बनने से पहले सड़क और नाली का होना जरूरी है। लेकिन लूशन का बगीचा और गोविंद गार्डन इलाके में 10 साल बाद भी इसका अभाव बना हुआ है। घरों से निकला पानी उसके आसपास ही जमा हो रहा है। जिससे नारकीय हालत निर्मित हो गए हैं। मच्छर पनप रहे हैं। खाली प्लाट कचरा घर बनते जा रहे हैं।

बिजली कनेक्शन : यह सुविधा भी मकान बनाने से पहले ही जरूरी होती है लेकिन बिजली कंपनी के मनमाने रवैए के कारण मकान बनने के बाद भी स्थाई बिजली कनेक्शन तो क्या कई मकानों तक बिजली खंभे और लाइन तक नहीं पहुंची है। मजबूरीवश लोगों ने भगत सिंह कॉलोनी की तरह बांस बल्ली के सहारे तार घर तक पहुंचाए हैं। आर्थिक रूप से सक्षम और मजबूरीवश कुछ लोगों ने निजी रूप से पैसे एकत्रित कर खंभे लगवा दिए लेकिन इसके बाद भी स्थाई कनेक्शन नहीं मिल पा रहा है। कई लोगों को अपने पड़ौस से लाइन लेकर अपने घर में उजियाला करना पड़ रहा है।

स्ट्रीट लाइट : दो कॉलोनियों में हजार से अधिक लोग निवास करते हैं। जिनके लिए सुरक्षा का एक बड़ा मुद्दा है। नागरिकों का कहना है कि वैसे तो नगर पालिका की जिम्मेदारी है कि वह नगरीय क्षेत्र में रहने वालों को जरूरी मूलभूत सुविधाएं उपलब्ध कराए लेकिन वह ऐसा कई मामलों में नहीं कर रही। इलाके में जो विद्युत खंभे लगे हैं उन पर स्ट्रीट लाइट न लगने से शाम होते ही अंधेरा छा जाता है। जिससे नागरिकों को अपने घर तक पहुंचने में भी दिक्कत का सामना करना पड़ता हैै। क्योंकि उन्हें सड़क के अभाव में ऊबडख़ाबड़ मार्ग से होकर जाना पड़ रहा है।

नल आने का समय : लूशन का बगीचा और गोविंद गार्डन इलाके में नल आने का समय अलसुबह साढ़े 3 बजे से साढ़े 4 बजे तक का है। इसके बाद नल नहीं आते। इतनी जल्दी अधिकांश लोग नहीं उठ पाते और पानी से वंचित हो जाते हैं। कॉलोनीवासियों ने कई बार अधिकारियों को मामले से अवगत कराया लेकिन आज तक नल आने का समय परिवर्तित नहीं किया गया है।

वोल्टेज समस्या : बिजली कंपनी कॉलोनी को अवैध बताकर स्थाई कनेक्शन देने में आनाकानी कर रही है। जबकि अस्थाई कनेक्शन खूब बांट रही है। वहीं पूरे इलाके में बिजली वितरण के लिए सिर्फ एक डीपी रखी गई है। जिस पर लगातार लोड बढ़ता ही जा रहा है। नतीजनत नागरिक डिम वोल्टेज की गंभीर समस्या से जूझ रहे हैं। दो दिन पूर्व ही वोल्टेज के उतार-चढ़ाव में कई घरों के विद्युत उपकरण फुंक चुके हैं।

सफाई : कॉलोनी के लोग इतनी गंभीर समस्याओं से जूझ रहे हैं, ऐसे में सफाई का मुद्दा काफी छोटा नजर आने लगा है। लेकिन यह गंभीर समस्या बनती जा रही है। क्योंकि नपा इस मामले में इलाके के लोगों से उपेक्षा का व्यवहार कर रही है। कॉलोनी में नपा की कचरा कलेक्शन गाड़ी नहीं आती। झाडू लगाने वाले कर्मचारी तो आज तक कॉलोनीवासियों ने देखे ही नहीं है। कुल मिलाकर नगरीय क्षेत्र में बसी इसी कॉलोनी मकान बनने के साथ ही समस्याएं भी बढ़ती जा रही हैं।

यह बोले कॉलोनीवासी
2017 से मंै इस कॉलोनी में रह रहा हंू। 22 हजार रुपए प्रति खंभा के हिसाब से पैसे खर्च कर खंभे लगवाए हैं। मुरम भी डलवाई। कॉलोनाइजर अब सुनने को तैयार नहीं। सीएमओ को कई बार बताया, कॉलोनी में घूमकर चले गए। हर बार सिर्फ आश्वासन दिया गया लेकिन रिजल्ट जीरो है। आवेदन दे-देकर थक चुके हैं। 70 प्रतिशत कॉलोनी वैध है। बारिश में तो बच्चों को कंधे पर बिठाकर ले जाना पड़ता है।
रणधीर सिंह रघुवंशी, कॉलोनीवासी

लाइट के अलावा सड़क, नाली की बहुत गंभीर समस्या है। कॉलोनीवासी नपा और प्रशासन के अधिकारियों को शिकायत कर थक चुके हैं। जब भी सुविधाओं की मांग करते हैं तो कॉलोनी को अवैध बता दिया जाता है। जबकि कॉलोनी 70 प्रतिशत वैध है। नपा से मकान बनाने की अनुमति लेने से लेकर लोन लेने की कार्रवाई हुई है।
धर्मेंद्र कश्यप, लूशन का बगीचा

एक साल तक मैंने अस्थाई कनेक्शन का बिल दिया। मकान बनने के बाद कई बार बिजली कंपनी के कार्यालय के चक्कर लगाए तब जाकर 8 माह बाद कनेक्शन स्थाई हो सका। वर्तमान में बिजली कंपनी द्वारा मनमानी पूर्वक कनेक्शन दिए जा रहे हैं। स्थाई कनेक्शन के नाम पर अवैध कालोनी बता देते हैैं और अस्थाई कनेक्शन देकर ज्यादा बिल वसूल रहे हैं।
गणेश कुमार, कॉलोनीवासी

हमारे घर के पास चार-पांच मकान बन चुके हैं जिन्हें स्थाई कनेक्शन दिया जा चुका है लेकिन हमारे मकान में स्थाई कनेक्शन नहीं दिया जा रहा है। घर में एक मात्र जो कमाने वाले थे उनका एक्सीडेंट में निधन हो गया। अब हमें अस्थाई कनेक्शन की वजह से ढाई से 3 हजार रुपए का बिल भरना पड़ रहा है।
प्रियंका रघुवंशी, गोविंद गार्डन

मैं लूशन का बगीचा क्षेत्र में पिछले 40 साल से निवास कर रहा हूं। यह इलाका वार्ड 30 में आता है। सफाई के क्षेत्र में कोई खास बदलाव नहीं आया है। हमारी कॉलोनी में न कचरा गाड़ी आती है और न ही सफाईकर्मी झाडू लगाने आते हैं। अधिकारियों को फोन करो तो सुनवाई नहीं होती।
सुरेश कुशवाह, वार्डवासी

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