गुना

ये क्या ! कर्ज चुकाया और ब्याज भी..फिर भी बैंक ने किसान को बनाया कर्जदार

mp news: जिला सहकारी बैंक में गड़बड़ी, कर्जा चुकाया फिर भी कर्जदार है किसान, किसान ने लगाया धोखाधड़ी का आरोप…।

गुनाJan 10, 2025 / 07:04 pm

Shailendra Sharma

mp news: मध्यप्रदेश के गुना में जिला सहकारी बैंक में खातेदारों ने सेक्रेटरी के जरिए पैसा जमा कराया, नोड्यूज प्रमाण पत्र ले लिया। अब उन पर रिकवरी कर पैसा जमा कराने का दबाब डाला जा रहा है, ऐसा न करने पर उनके खिलाफ कार्रवाई की बात कही जा रही है। ऐसा एक मामला सामने आया है जहां एक धाकड़ दंपती ने कर्जा की राशि चुका दी थी, इसके बाद भी उन पर 80 हजार का कर्जा निकाल दिया। इस कर्जे से यह दंपती हैरान है, पैसा पूरा जमा करने और उसका नो ड्यूज सर्टिफिकेट लेने के बाद भी उनका जमा पैसा कहां गया, इसकी जांच कराकर दोषी के विरुद्ध कार्रवाई किए जाने की बात कही है। धाकड़ दंपती अकेले नहीं ऐसे काफी लोग हैं जिन्होंने कर्जा की राशि जमा कर दी, इसके बाद भी उन पर रिकवरी निकाली जा रही है।

ये है मामला

गुना जिले के ग्राम पाटई निवासी श्यामलाल और उनकी पत्नी सियाबाई धाकड़ जो पाटई सेवा सहकारी समिति नेगमा की सदस्य हैं। इन दोनों पति-पत्नी ने 68 हजार रुपए का ऋण गुना जिला सहकारी बैंक से लिया था। उसने इस कर्जे की राशि मय ब्याज के 8 जुलाई 2020 को जमा कर रसीद ले ली। इसके बाद 19 अगस्त 2023 को उक्त समिति के सेक्रेटरी से नौशाद खान को जमा कराकर खाता बंद कराने का आवेदन दिया था। सेके्रटरी ने कोई शेष बकाया न होने का प्रमाणीकरण देते हुए उनकी जमीन को मुक्त कर दिया था। इसके अलावा गुना जिले की कई ऐसे लोग सामने आई है जिन्होंने कहा कि हमनें कर्जा पूरा अदा कर दिया इसके बाद भी उन पर रिकवरी निकाल दी।

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साल 2020 में लिया था कर्ज

दंपती ने पत्रिका को बताया कि अब उपायुक्त सहकारिता द्वारा उन पर वर्ष 2020 की कर्जा राशि 68 हजार 580 रुपए जो ब्याज सहित 80 हजार 441 रुपए की शेष राशि बताई जा रही है। इसकी लिखित में जानकारी मांगी लेकिन कोई जानकारी नहीं दी, मौखिक बताया जाता रहा। उन्होंने आरोप लगाया कि सेक्रेटरी ने उनकी जमा राशि कहां कर दी, इसकी जांच होना चाहिए। उन्होंने यह आरोप लगाया कि सेक्रेटरी हमारे द्वारा जमा की गई रसीद वाला कट्टा दिखाने की जगह दूसरे कट्टे दिखा रहे हैं। उन्होंने कलेक्टर को एक आवेदन देकर कहा है कि सहकारी बैंक में कर्जे की राशि जमा करने के बाद पुन: उन जैसे कई लोगों पर रिकवरी निकाली जा रही है, इसकी उच्च स्तरीय जांच की जाए।

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