गुना जिला अस्पताल से 60 लाख की एंबुलेंस गायब हो गई है। तत्कालीन राज्यसभा सदस्य व वर्तमान केंद्रीय मंत्री ज्योतिरादित्य सिंधिया ने कोरोनाकाल में यह एंबुलेंस स्वास्थ्य विभाग को दी थी। मरीजों को गंभीर स्थिति में तत्काल रेफर किया जा सके, इस उद्देश्य से दी गई अत्याधुनिक उपकरणों से सुसज्जित यह एंबुलेंस अब कहां है, इस बारे में कोई कुछ नहीं बता पा रहा।
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एंबुलेंस गायब हो जाने की जानकारी उस समय सामने आई जब केंद्रीय मंत्री ज्योतिरादित्य सिंधिया गुना में एक बैठक ले रहे थे। उन्होंने सीएमएचओ डॉ. राजकुमार ऋषिश्वर से एंबुलेंस के बारे में पूछा तो वे गोल-मोल जवाब देने लगे। इसके बाद सिंधिया ने कलेक्टर को एंबुलेंस का पता लगवाने के निर्देश दिए। हालांकि अभी तक यह एंबुलेंस नहीं मिल सकी है।
एंबुलेंस गायब हो जाने की जानकारी उस समय सामने आई जब केंद्रीय मंत्री ज्योतिरादित्य सिंधिया गुना में एक बैठक ले रहे थे। उन्होंने सीएमएचओ डॉ. राजकुमार ऋषिश्वर से एंबुलेंस के बारे में पूछा तो वे गोल-मोल जवाब देने लगे। इसके बाद सिंधिया ने कलेक्टर को एंबुलेंस का पता लगवाने के निर्देश दिए। हालांकि अभी तक यह एंबुलेंस नहीं मिल सकी है।
गुस्साए सिंधिया
सूत्रों ने बताया कि स्वास्थ्य विभाग ने हाल ही केंद्रीय मंत्री ज्योतिरादित्य सिंधिया से दो एंबुलेंस देने की मांग की थी। इस माह के प्रारंभ में गुना में दिशा की बैठक हुई, उसमें प्रस्ताव आने पर चर्चा हुई। तब ज्योतिरादित्य सिंधिया ने सीएमएचओ डॉ. राजकुमार ऋषिश्वर से पूछा कि कोरोना काल में मैंने एक एंबुलेंस दी थी, जिसमें ऑक्सीजन आदि की समुचित व्यवस्था थी, वो एंबुलेंस कहां हैं? यह सवाल जैसे ही बैठक में उठा तो सीएमएचओ ने जवाब दिया कि उन्हें पता नहीं कब आई थी।
सूत्रों ने बताया कि स्वास्थ्य विभाग ने हाल ही केंद्रीय मंत्री ज्योतिरादित्य सिंधिया से दो एंबुलेंस देने की मांग की थी। इस माह के प्रारंभ में गुना में दिशा की बैठक हुई, उसमें प्रस्ताव आने पर चर्चा हुई। तब ज्योतिरादित्य सिंधिया ने सीएमएचओ डॉ. राजकुमार ऋषिश्वर से पूछा कि कोरोना काल में मैंने एक एंबुलेंस दी थी, जिसमें ऑक्सीजन आदि की समुचित व्यवस्था थी, वो एंबुलेंस कहां हैं? यह सवाल जैसे ही बैठक में उठा तो सीएमएचओ ने जवाब दिया कि उन्हें पता नहीं कब आई थी।
यह भी पढ़ें: Ladli Behna Awas Yojana – एमपी में लाड़ली बहनों को 1 लाख 30 हजार रुपए देने की योजना पर बड़ा अपडेट दूसरी बार सिंधिया ने जोर देकर पूछा तो सीएमएचओ ने गोल-मोल जवाब देकर बताया कि उसका एक्सीडेंट हो गया था। सिंधिया ने तीसरी बार पूछा कि अभी वो कहां हैं, इसके जवाब में सीएमएचओ ने कहा कि उन्हें नहीं पता कि वह एंबुलेंस अभी कहां है। इस पर सिंधिया ने सीएमएचओ के प्रति नाराजगी जाहिर की। केंद्रीय मंत्री ने बैठक में मौजूद कलेक्टर से कहा कि वह एंबुलेंस कहां हैं उसको खोजें और एक्सीडेंट हुआ है तो उसे सही कराएं, यदि नहीं मिलती है तो संबंधित के खिलाफ कार्रवाई करें।
दिशा की बैठक में मौजूद भाजपा के तीन नेताओं और एक सांसद प्रतिनिधि से जब इस संबंध में पूछा गया तो उन्होंने बताया कि सिंधिया के एंबुलेंस के बारे में पूछे जाने पर सीएमएचओ कोई जवाब नहीं दे पाए थे। उन्हें लगता है कि उक्त एंबुलेंस स्वास्थ्य विभाग के अधिकारियों ने कहीं ठिकाने लगा दी।
वहीं एक पूर्व सीएमएचओ से बताया कि वह एंबुलेंस गुना के लिए दी गई थी, इसका संचालन गुना से ही होता था। अब वह कहां हैं, इस बारे में कहा नहीं जा सकता। वहीं एक डॉक्टर का कहना था कि लगभग एक-डेढ़ साल तक बगैर बीमा के इस एंबुलेंस को मारकी महू भेजा जाता था, जहां से यह मरीजों को जिला अस्पताल लाती थी। सवा साल पहले इस एंबुलेंस का आम्बेडकर चौराहे पर एक्सीडेंट हो गया था, जिसमें एक व्यक्ति की मौत हो गई थी। पुलिस में मामला दर्ज हो गया था। बीमा न होने से यह एंबुलेंस उस समय छूट नहीं पाई थी। इसके बाद से ही यह गायब है।
इस बारे में पत्रिका ने सीएमएचओ डॉ. राजकुमार ऋषिश्वर से बात करनी चाही, लेकिन उन्होंने कॉल रिसीव नहीं किया। उन्होंने मैसेज का जवाब भी नहीं दिया। सांसद प्रतिनिधि अशोक शर्मा के अनुसार दिशा की बैठक में केंद्रीय मंत्री ज्योतिरादित्य सिंधिया ने सीएमएचओ से एंबुलेंस के बारे में तीन बार पूछा लेकिन वे गोल-मोल जवाब देते रहे थे। अंत में उन्होंने कलेक्टर से इस मामले को देखने को कहा। कुछ न कुछ तो गड़बड़ है।
विधायक पन्नालाल शाक्य कहते हैं कि सांसद निधि हो या विधायक निधि, कोई सौगात दी है तो उसका ध्यान शासन के अधिकारियों को रखना होगा। एंबुलेंस के बारे में सही जानकारी संबंधित विभाग के अधिकारी को नहीं हैं तो यह गंभीर मसला है। इसकी जांच होना चाहिए।