कुछ समय से बंटी बना का कांग्रेस और दिग्विजय सिंह से बीते छह माह पूर्व मोह भंग हो गया था और यह अटकलें लगाई जाने लगी थी कि हीरेन्द्र सिंह बना भाजपा का दामन थाम सकते हैं। उनकी पहचान और मजबूती के चलते भाजपा के ही एक-दो नेता भाजपा में उनकी एन्ट्री होने में अभी तक बाधक बने हुए थे।
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गुना जिले की राघौगढ़ विधानसभा क्षेत्र में युवा नेता बंटी बना का काफी जनाधार है। वे लंबे समय से राज्यसभा सांसद दिग्विजय सिंह और उनके विधायक पुत्र जयवर्धन सिंह के लिए काम करते रहे हैं। उनके पिता मूलसिंह दादा भाई कांग्रेस के जिलाध्यक्ष के साथ-साथ राघौगढ़ विधानसभा क्षेत्र से दो बार विधायक भी रह चुके हैं। बीते एक वर्ष से बंटी बना की कांग्रेस में उपेक्षा होने लगी थी इसके बाद से ही बंटी और दिग्विजय सिंह के बीच दूरियां बढ़ गई थीं। इसकी जानकारी होने पर एक पूर्व विधायक और एक भाजपा के दिग्गज नेता बंटी बना को भाजपा में लाने का प्रयास भी कर रहे थे।
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राजनीतिक हलकों में यह चर्चा है कि बंटी बना के अपने समर्थकों के साथ भाजपा में शामिल होने से कांगे्रस को राघौगढ़ में बड़ा झटका लग सकता है। स्मरण रहे कि कांग्रेस सरकार के कार्यकाल में दिग्विजय सिंह और केन्द्रीय मंत्री ज्योतिरादित्य सिंधिया के बीच जो दूरियां थीं उनको मिटाने के उद्देश्य से सिंधिया राघौगढ़ किले गए थे और वहां दिग्विजय सिंह के विधायक पुत्र जयवर्धन सिंह से एकांत में चर्चा भी हुई। सिंधिया ने पहली बार अपने राजनैतिक जीवन में किले पर जयवर्धन के साथ खाना भी खाया। इसके बाद भी दिग्विजय सिंह और ज्योतिरादित्य सिंधिया के बीच की दूरियां खत्म नहीं हो पाईं। आखिर में सिंधिया ने प्रदेश में कांग्रेस की सरकार गिरवाई और वे स्वयं अपने समर्थक मंत्री व विधायकों के साथ भाजपा में शामिल हो गए थे। इधर, शासकीय पीजी कॉलेज सहित राघौगढ़ में होनेवाले आयोजन के लिए कलेक्टर और एसपी ने तैयारियों का अवलोकन किया।
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दिग्विजय सिंह भी इसी दिन करेंगे संवाद
पूर्व मुख्यमंत्री दिग्विजय सिंह भी चार दिसंबर को राघौगढ़ न आकर मधुसूदनगढ़ उकावद के पास रघुनाथपुरा गांव में आएंगे। यहां डैम से प्रभावित गांवों के किसानों से चर्चा करेंगे। कार्यक्रम के पीछे का उद्देश्य बंटी बना के नजदीकी, समर्थकों का भाजपा में शामिल होने से रोकना राजनीतिज्ञों द्वारा बताया जा रहा है।