42 हजार मकान, नहीं मिलता संपत्तिकर
सूत्रों ने जानकारी दी कि गुना नगर पालिका के अंतर्गत 42 हजार आवास हैं, जिनसे संपत्तिकर वसूलने के लिए इस वित्तीय वर्ष में 11करोड़ रुपए का टारगेट निर्धारित किया है, इसको वसूलने के लिए अलग से अमला भी है, लेकिन अभी तक संपत्तिकर के रूप में ढाई-तीन करोड़ रुपए आ पाए हैं। इसी तरह शहर में लगभग 36 हजार नल कनेक्शन हैं, जिनको पानी देने के एवज में हर माह बिजली का बिल ही लगभग 70 से 80 लाख रुपए आता है, और कार्यालय आदि पर बिजली जलाने पर बिजली का बिल हर माह 80 लाख रुपए नगर पालिका को अदा करना पड़ रहा है। नगर पालिका वर्तमान में बिजली कंपनी के 12 करोड़ रुपए न देने पर कर्जदार हो गई है।
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ये होते काम तो शहर दिखता सुन्दर
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बड़े पुल से रपटे तक का ब्रिज प्रोजेक्ट
शहर की जनता के अनुसार नगर पालिका परिषद ने शहर की जनता को यातायात के जाम से निजात दिलाने के लिए बड़े पुल से रपटे तक का ब्रिज बनाने का एक प्रोजेक्ट तैयार हुआ था। इस प्रोजेक्ट के लिए नगर पालिका 17 करोड़ 72 लाख रुपए की डीपीआर तक बन गई थी। यहां ब्रिज बनने के बाद यातायात के जाम से जनता को निजात मिल सकती है।
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गोदरेज शोरूम से पुलिस कन्ट्रोल रूम तक बनना था ब्रिज
लोगों ने बताया कि हनुमान चौराहे के पास स्थित गोदरेज शोरूम से पुलिस का पुराना कन्ट्रोल रूम तक फ्लाई ओवर यानि ब्रिज बनाने का प्रस्ताव था। जिसके पीछे नगर पालिका का उद्देश्य यह था कि फ्लाई ओवर के ऊपर से बड़े वाहन व नीचे से दो पहिया वाहन निकले, जिससे हनुमान चौराहे पर यातायात का जाम लगना बंद हो जाता। इसके लिए नगर पालिका ने 7 करोड़ 85 लाख रुपए की डीपीआर बन गई थी, केवल टेण्डर होना थे, यह भी काम भी अधूरा पड़ा हुआ है। जबकि इसके लिए शासन से नगर पालिका को चार करोड़ रुपए मिल गए थे, तीन करोड़ और आना बाकी रह गए थे।
संजय स्टेडियम का काम कछुआ गति से
नगर पालिका ने मिनी स्मार्ट सिटी के प्रोजेक्ट के अलावा संजय स्टेडियम में एस्ट्रो टर्फ डलवाए जाने का प्रस्ताव तैयार किया था। इसके लिए राशि भी आ चुकी है, एस्ट्रो टर्फ का काम काफी कछुआ गति से चल रहा है, लेकिन यह काम इतना घटिया चल रहा है, जो कुछ समय में अपनी पुरानी स्थिति में आ जाएगा।
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क्रिकेट स्टेडियम
मिनी स्मार्ट सिटी के तहत पत्रकार कॉलोनी में क्रिकेट स्टेडियम बनना था इसके लिए 24 करोड़ रुपए स्वीकृत हो गए थे। इसके लिए जगह बदलने का क्रम चलता रहा। नगर पालिका का कार्यकाल पूरा होने को है, लेकिन अभी तक क्रिकेट के लिए बनने वाले प्रस्तावित स्टेडियम के काम की शुरूआत तो दूर जगह तक चिन्हित नहीं की जा सकी है।
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एनीकट का काम जल्द पूरा हो
जल आवर्धन योजना के तहत सिंध का पानी रोककर शहर को देना था। इसके लिए 72 करोड़ रुपए स्वीकृत हुए थे, जिसके तहत एनीकट का काम चल रहा है। यह काम होने के बाद शहर की जनता को चौबीस घंटे सातों दिन पानी उपलब्ध हो सकता है।
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प्रधानमंत्री आवास योजना
केन्द्र की प्रधानमंत्री आवास योजना के तहत गरीबों को मकान मिलने थे, इस प्रोजेक्ट के पूरे होने में जहां कई अड़चनें आती रहीं। लगभग चौदह करोड़ रुपए न मिलने से यह प्रोजेक्ट बंद सी स्थिति में है।
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जज्जी बस स्टेण्ड और ट्रांसपोर्ट नगर भी अधूरा
नगर पालिका के पास पैसे न होने से जज्जी बस स्टेण्ड को हवाई अड्डे की तर्ज पर विकसित करने और ट्रांसपोर्ट नगर में और सुविधाएं उपलब्ध कराने का काम भी अधर में लटका हुआ है।
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ये है विकास की दरकार
-शहर की जनता को चाहिए अच्छी सड़कें।
-हर गली हो सीमेन्ट-कांक्रीट, नालियां।
-यातायात सुगम रहे कि सड़कों का हो विस्तार।
-अंडर ब्रिजों का हो निर्माण।
-हर मोहल्ले व कॉलोनियों में पहुंचे कचरा वाहन व सफाई कर्मी।
ऐसे बढ़ सकती है नगर पालिका की आमदनी
-नगर पालिका ने जो दुकानें मात्र सौ रुपए किराए पर दी है, उनका किराया कम से कम पांच सौ रुपए कर दिया जाए तो बढ़ सकती है आय।
-जरूरतमंद व्यक्ति को जो टैंकर अभी नि:शुल्क दिए जाते हैं उनको तत्काल बंद किए जाएं और उनसे एक टैंकर के कम से कम पांच सौ रुपए वसूले जाएं।
-नगर पालिका की जहां जगह खाली है, वहां कॉम्पलेक्स बनाकर दुकानें आवंटित की जाएं।
-नई कॉलोनी में बने मकानों पर संपत्तिकर लगाया जाए।
-कॉलोनाइजरों से ली जाने वाली लाइसेंस फीस बढ़ाई जाए।
-अतिक्रमण करने वालों पर चालानी कार्रवाई के समय लगने वाले शुल्क में बढ़ोत्तरी हो।
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इनका कहना है
-संपत्तिकर और जलकर वसूली के लिए शिविरों का आयोजन किया जा रहा है। बकाया राशि वसूलने के लिए अलग-अलग टीमें लगी हुई हैं। संपत्तिकर न देने वालों के विरुद्ध कुर्की की भी कार्रवाई की जा सकती है।
तेजसिंह यादव सीएमओ नगर पालिका गुना
सूत्रों ने जानकारी दी कि गुना नगर पालिका के अंतर्गत 42 हजार आवास हैं, जिनसे संपत्तिकर वसूलने के लिए इस वित्तीय वर्ष में 11करोड़ रुपए का टारगेट निर्धारित किया है, इसको वसूलने के लिए अलग से अमला भी है, लेकिन अभी तक संपत्तिकर के रूप में ढाई-तीन करोड़ रुपए आ पाए हैं। इसी तरह शहर में लगभग 36 हजार नल कनेक्शन हैं, जिनको पानी देने के एवज में हर माह बिजली का बिल ही लगभग 70 से 80 लाख रुपए आता है, और कार्यालय आदि पर बिजली जलाने पर बिजली का बिल हर माह 80 लाख रुपए नगर पालिका को अदा करना पड़ रहा है। नगर पालिका वर्तमान में बिजली कंपनी के 12 करोड़ रुपए न देने पर कर्जदार हो गई है।
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ये होते काम तो शहर दिखता सुन्दर
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बड़े पुल से रपटे तक का ब्रिज प्रोजेक्ट
शहर की जनता के अनुसार नगर पालिका परिषद ने शहर की जनता को यातायात के जाम से निजात दिलाने के लिए बड़े पुल से रपटे तक का ब्रिज बनाने का एक प्रोजेक्ट तैयार हुआ था। इस प्रोजेक्ट के लिए नगर पालिका 17 करोड़ 72 लाख रुपए की डीपीआर तक बन गई थी। यहां ब्रिज बनने के बाद यातायात के जाम से जनता को निजात मिल सकती है।
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गोदरेज शोरूम से पुलिस कन्ट्रोल रूम तक बनना था ब्रिज
लोगों ने बताया कि हनुमान चौराहे के पास स्थित गोदरेज शोरूम से पुलिस का पुराना कन्ट्रोल रूम तक फ्लाई ओवर यानि ब्रिज बनाने का प्रस्ताव था। जिसके पीछे नगर पालिका का उद्देश्य यह था कि फ्लाई ओवर के ऊपर से बड़े वाहन व नीचे से दो पहिया वाहन निकले, जिससे हनुमान चौराहे पर यातायात का जाम लगना बंद हो जाता। इसके लिए नगर पालिका ने 7 करोड़ 85 लाख रुपए की डीपीआर बन गई थी, केवल टेण्डर होना थे, यह भी काम भी अधूरा पड़ा हुआ है। जबकि इसके लिए शासन से नगर पालिका को चार करोड़ रुपए मिल गए थे, तीन करोड़ और आना बाकी रह गए थे।
संजय स्टेडियम का काम कछुआ गति से
नगर पालिका ने मिनी स्मार्ट सिटी के प्रोजेक्ट के अलावा संजय स्टेडियम में एस्ट्रो टर्फ डलवाए जाने का प्रस्ताव तैयार किया था। इसके लिए राशि भी आ चुकी है, एस्ट्रो टर्फ का काम काफी कछुआ गति से चल रहा है, लेकिन यह काम इतना घटिया चल रहा है, जो कुछ समय में अपनी पुरानी स्थिति में आ जाएगा।
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क्रिकेट स्टेडियम
मिनी स्मार्ट सिटी के तहत पत्रकार कॉलोनी में क्रिकेट स्टेडियम बनना था इसके लिए 24 करोड़ रुपए स्वीकृत हो गए थे। इसके लिए जगह बदलने का क्रम चलता रहा। नगर पालिका का कार्यकाल पूरा होने को है, लेकिन अभी तक क्रिकेट के लिए बनने वाले प्रस्तावित स्टेडियम के काम की शुरूआत तो दूर जगह तक चिन्हित नहीं की जा सकी है।
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एनीकट का काम जल्द पूरा हो
जल आवर्धन योजना के तहत सिंध का पानी रोककर शहर को देना था। इसके लिए 72 करोड़ रुपए स्वीकृत हुए थे, जिसके तहत एनीकट का काम चल रहा है। यह काम होने के बाद शहर की जनता को चौबीस घंटे सातों दिन पानी उपलब्ध हो सकता है।
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प्रधानमंत्री आवास योजना
केन्द्र की प्रधानमंत्री आवास योजना के तहत गरीबों को मकान मिलने थे, इस प्रोजेक्ट के पूरे होने में जहां कई अड़चनें आती रहीं। लगभग चौदह करोड़ रुपए न मिलने से यह प्रोजेक्ट बंद सी स्थिति में है।
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जज्जी बस स्टेण्ड और ट्रांसपोर्ट नगर भी अधूरा
नगर पालिका के पास पैसे न होने से जज्जी बस स्टेण्ड को हवाई अड्डे की तर्ज पर विकसित करने और ट्रांसपोर्ट नगर में और सुविधाएं उपलब्ध कराने का काम भी अधर में लटका हुआ है।
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ये है विकास की दरकार
-शहर की जनता को चाहिए अच्छी सड़कें।
-हर गली हो सीमेन्ट-कांक्रीट, नालियां।
-यातायात सुगम रहे कि सड़कों का हो विस्तार।
-अंडर ब्रिजों का हो निर्माण।
-हर मोहल्ले व कॉलोनियों में पहुंचे कचरा वाहन व सफाई कर्मी।
ऐसे बढ़ सकती है नगर पालिका की आमदनी
-नगर पालिका ने जो दुकानें मात्र सौ रुपए किराए पर दी है, उनका किराया कम से कम पांच सौ रुपए कर दिया जाए तो बढ़ सकती है आय।
-जरूरतमंद व्यक्ति को जो टैंकर अभी नि:शुल्क दिए जाते हैं उनको तत्काल बंद किए जाएं और उनसे एक टैंकर के कम से कम पांच सौ रुपए वसूले जाएं।
-नगर पालिका की जहां जगह खाली है, वहां कॉम्पलेक्स बनाकर दुकानें आवंटित की जाएं।
-नई कॉलोनी में बने मकानों पर संपत्तिकर लगाया जाए।
-कॉलोनाइजरों से ली जाने वाली लाइसेंस फीस बढ़ाई जाए।
-अतिक्रमण करने वालों पर चालानी कार्रवाई के समय लगने वाले शुल्क में बढ़ोत्तरी हो।
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इनका कहना है
-संपत्तिकर और जलकर वसूली के लिए शिविरों का आयोजन किया जा रहा है। बकाया राशि वसूलने के लिए अलग-अलग टीमें लगी हुई हैं। संपत्तिकर न देने वालों के विरुद्ध कुर्की की भी कार्रवाई की जा सकती है।
तेजसिंह यादव सीएमओ नगर पालिका गुना