Read this also: सेनिटाइजर से बना रहे शराब, नशे की गोलियों की भी मांग बढ़ी दरअसल, मजदूर भैयालाल सहरिया, उनकी पत्नी भूरीबाई अपने दो बच्चों के साथ राजगढ़ जिले के पुरा बरेटा गांव में मजदूरी के लिए गए थे। शनिवार की शाम को जब वे लोग लौटे तो गांववालों ने इस परिवार को गांव में नहीं घुसने दिया। जब इसकी जानकारी पंचायत सचिव को हुई तो इनके द्वारा थर्मल स्क्रीनिंग करा अपनी जिम्मेदारी से निजात पा लिया। रहने की कोई व्यवस्था नहीं होने पर यह परिवार देवीपुरा प्राइमरी स्कूल परिसर में किसी तरह रात गुजारा। स्कूल के कमरों में ताला लगा होने की वजह से दूसरे दिन इस परिवार ने स्कूल के शौचालय में शरण ली। यहीं परिवार ने खाना बनाकर खाया।
इस परिवार के शौचालय में रहने की खबर जैसे ही आम हुई, अधिकारी हरकत में आए। जिला पंचायत सीईओ अरुण श्रीवास्तव ने मामले की जानकारी होने के बाद पंचायत सचिव लाखन सिंह धाकड़ को लापरवाही के आरोप में निलंबित कर दिया। उधर, अगले दिन गांव में डीएम विश्वनाथन व एसपी तरुण नायक पहुंचे। इन लोगों ने गांव का जायजा लिया। मजदूर परिवार को गांव में ही शिफ्ट कराने का प्रयास किया लेकिन जब बात नहीं बनी तो स्कूल के कमरे में ही क्वारंटीन करा दिया। डीएम ने इस परिवार के लिए नया आवास बनवाने का भी आश्वासन दिया है।
इस परिवार के शौचालय में रहने की खबर जैसे ही आम हुई, अधिकारी हरकत में आए। जिला पंचायत सीईओ अरुण श्रीवास्तव ने मामले की जानकारी होने के बाद पंचायत सचिव लाखन सिंह धाकड़ को लापरवाही के आरोप में निलंबित कर दिया। उधर, अगले दिन गांव में डीएम विश्वनाथन व एसपी तरुण नायक पहुंचे। इन लोगों ने गांव का जायजा लिया। मजदूर परिवार को गांव में ही शिफ्ट कराने का प्रयास किया लेकिन जब बात नहीं बनी तो स्कूल के कमरे में ही क्वारंटीन करा दिया। डीएम ने इस परिवार के लिए नया आवास बनवाने का भी आश्वासन दिया है।