ये भी पढ़ें- वैक्सीन का ऐसा डर ! कलेक्टर से भिड़ गई महिला, बोली- ‘वैक्सीन लगवाकर मर गई तो कौन होगा जिम्मेदार’
‘जब तक पानी नहीं तब तक वैक्सीन नहीं’
विसोनिया गांव की आबादी करीब 1 हजार है और यहां के लोगों के वैक्लेसीन न लगवाने की वजह कोई डर या भ्रम नहीं बल्कि गांव में पानी की समस्या है। ग्रामीणों का कहना है कि जब तक गांव को पानी नहीं मिल जाता वो कोरोना वैक्सीन का बहिष्कार करेंगे। ग्रामीणों ने बताया कि उन्हें रोजाना पीने के पानी के लिए भटकना पड़ता है। 2 किलोमीटर दूर से पानी भरकर वो अपनी प्यास बुझा पाते हैं लेकिन न तो जिम्मेदारों और न ही जनप्रतिनिधियों को उनकी समस्या नजर आती है। विसोनिया गांव में 3 हैंडपंप हैं जिनमें से 2 खराब हो चुके हैं और उनका पानी पूरी तरह से सूख चुका है। एक जो हैंडपंप बचा है उसमें भी काफी देर बाद पानी आता है। और कुछ देर पानी निकालने के बाद एक-दो घंटे के लिए हैंडपंप को छोड़ना पड़ता है तब कहीं जाकर उससे पीने लायक पानी निकलता है।
ये भी पढ़ें- कोरोना संक्रमित चाट ठेले वाले ने 17 लोगों को बांट दिया कोरोना
ट्यूबबेल है पर खराब, कुएं से भरकर लाते हैं पानी
ग्रामीणों के मुताबिक गांव में सरकारी एक ट्यूबबेल भी था जिसमें 450 फीट पर मोटर डली हुई थी लेकिन उसका भी वाटर लेवल गिर गया है। महीनों से मोटर खराब पड़ी हुई है लेकिन बार-बार समस्या बताए जाने के बाद भी न तो सरपंच सुन रहा है और न ही सचिव। हालात ये हैं कि गांव से दो किलोमीटर दूर स्थित एक कुएं से पीने का पानी बमुश्किल भरकर लाना पड़ता है। इसलिए ग्रामीणों ने फैसला किया है कि जब तक गांव में पानी नहीं आ जाता तब तक गांव के लोग वैक्सीन नहीं लगवाएंगे।
देखें वीडियो- पति का काटा चालान तो महिला ने एसडीएम पर तानी चप्पल