अमरीका ने स्वीकार किया है कि IRGC ने ड्रोन को मार गिराया गया है। हालांकि अमरीकी सेना ने कहा है कि उसका ड्रोन अंतर्राष्ट्रीय जल के उपर था। वहीं IRGC का आरोप है कि अमरीकी ड्रोन ने ईरान की सीमा का उल्लंघन किया था।
IRGC ने ड्रोन की पहचान RQ-4 ग्लोबल हॉक के रूप में की गई थी, लेकिन अमरीकी सैन्य अधिकारी ने रॉयटर समाचार एजेंसी को बताया कि ड्रोन एक US नेवी MQ-4C ट्राइटन था। यह एक समुद्री गश्ती और टोही विमान है जो कि RQ-4B ग्लोबल हॉक पर आधारित है।
IRGC के कमांडर-इन-चीफ मेजर-जनरल होसैन सलामी ने कहा कि ड्रोन के मार गिराने से अमरीका को स्पष्ट संदेश गया है कि ईरान की सीमाएं ‘Red line’ हैं। इससे पहले अमरीकी सेना ने फौरन इस पर प्रतिक्रिया देते हुए इस घटना से इनकार किया था।
Iran-US Tension: क्या 80 के दशक जैसे ‘टैंकर वार’ की तरफ बढ़ रहे हैं अमरीका और ईरान
ईरान की बड़ी कार्रवाई
बीते सप्ताह ओमान की खाड़ी में दो तेल टैंकरों पर हमले को लेकर अमरीकी सेना ने एक वीडियो जारी करते हुए ईरान पर आरोप लगाया था। इसके बाद ईरान ने अमरीकी सेना पर आरोप लगाया कि वह ईरान और उसके जल क्षेत्र की जासूसी कर रहा है।
ईरान ने यह भी धमकी दी थी कि अगर अमरीकी ड्रोन इस इलाके में दिखाई दिए तो वह उन्हें मार गिराएगा। बीते सोमवार को अमरीकी रक्षा विभाग ने कहा कि वह ईरानी बलों द्वारा शत्रुतापूर्ण व्यवहार के जवाब में इस क्षेत्र में 1,000 अतिरिक्त सैनिकों को तैनात कर रहा है।
अमरीका ने आरोप लगाया था कि ईरान ने ओमान की खाड़ी में तेल टैंकरों पर हमला किया है। हालांकि तेहरान ने इस हमले से साफ इनकार किया था।
अब इन सबके बीच ईरानी सेना रिवोल्यूशनरी गार्ड्स की ओर से अमरीकी ड्रोन RQ-4 ग्लोबल हॉक मार गिराने की घटना को अंजाम दिया गया है।
Jamal Khashoggi Murder: UN को मिले ‘विश्वसनीय सबूत’, सऊदी क्राउन प्रिंस से जुड़े तार
अमरीका-ईरान के बीच तनाव
एक साल पहले ईरान के साथ परमाणु समझौते से अमरीका ने खुद को अलग कर लिया था, जिसके बाद से दोनों देशों के बीच तनाव बढ़ गया है। कुछ समय पहले सऊदी अरब के तेल प्रतिष्ठानों पर हुए हमले को लेकर अमरीका ने यमन में ईरान समर्थित हौती विद्रोहियों को जिम्मेदार बताया था।
सऊदी ने बदला लेने के लिए हौती विद्रोहियों को निशाना बनाते हुए यमन पर मिसाइल हमला किया। इसके बाद से गल्फ में तनाव की स्थिति बन गई है। सऊदी अरब ने भी तेल प्रतिष्ठानों पर हमले के लिए ईरान को दोषी माना है।
ईरान और अमरीका के बीच बढ़ते संघर्ष से तेहरान की इस्लामिक रिवोल्यूशन के 40 साल बाद एक बार फिर से एक नए संघर्ष की आशंका बढ़ गई है।
India-US Relation: मोदी-ट्रंप के व्यक्तिगत संबंधों से सुधरेंगे भारत-अमरीका के रिश्ते
सुप्रीम लीडर खुमैनी ने की पुष्टि
ईरान के अर्धसैनिक रिवोल्यूशनरी गार्ड के सुप्रीम लीडर अयातुल्ला अली खुमैनी ने बताया कि गुरुवार की सुबह एक अमरीकी ड्रोन को दक्षिणी ईरान के होर्मगान प्रांत में कोहंबोराक ( Kouhmobarak ) जिले के पास मार गिराया गया है। यह ड्रोन ईरान के हवाई क्षेत्र में प्रवेश करने की कोशिश कर रहा था।
कोहंबोराक तेहरान से लगभग 1,200 किलोमीटर (750 मील) दक्षिण-पूर्व में है और स्टॉर्म ऑफ होर्मुज के करीब है।ईरान की IRNA समाचार एजेंसी ने अर्धसैनिक रिवोल्यूशनरी गार्ड का हवाला देते हुए ड्रोन की पहचान RQ-4 ग्लोबल हॉक के रूप में की।
अमरीका ने किया था इनकार
अमरीकी मध्य कमान के प्रवक्ता कैप्टन बिल अर्बन से घटना के बारे में पूछे जाने पर उन्हें टिप्पणी करने से इनकार कर दिया था। हालांकि, उन्होंने एसोसिएटेड प्रेस को बताया कि ईरानी क्षेत्र में कोई ड्रोन नहीं था।
इसी बीच, वाइट हाउस की प्रवक्ता सारा सैंडर्स ने कहा था कि ट्रम्प को सऊदी अरब साम्राज्य के करीब मिसाइल हमले की रिपोर्ट के बारे में जानकारी दी गई है।
सैंडर्स ने कहा था कि हम स्थिति पर करीब से नजर बनाए हुए हैं और अपने सहयोगियों के साथ परामर्श जारी रखे हुए हैं। सऊदी अरब की मीडिया और अधिकारियों ने गुरुवार को मिसाइल हमले की तुरंत रिपोर्ट नहीं की है।
Read the Latest World News on Patrika.com. पढ़ें सबसे पहले World News in Hindi पत्रिका डॉट कॉम पर. विश्व से जुड़ी Hindi News के अपडेट लगातार हासिल करने के लिए हमें Facebook पर Like करें, Follow करें Twitter पर.