अंतरराष्ट्रीय सहायता समूह की एक रिपोर्ट के अनुसार नए आंकड़े बताते हैं कि बीते कई माह में देशभर में भोजन की किल्लत हो रही है। भोजन ने मिलने वाले बच्चों की कुल संख्या 39 लाख से बढ़कर 46 लाख हो गई है।
संस्था के अनुसार देश में करीब 10 वर्ष से जारी संघर्ष ने अब तक चार लाख लोगों की जान ली है। वहीं आधी आबादी बेघर हो चुकी है। युद्ध के साथ भ्रष्टाचार, पश्चिमी देशों के प्रतिबंधों ने देश लेबनान में आर्थिक संकट खड़ा कर दिया है। इसके कारण सीरिया की अर्थव्यवस्था की कमर टूट चुकी है।
इसके अलावा स्थानीय मुद्रा के गिरने से भी सीरियाई लोगों के लिए खाद्य सामान खरीदना मुश्किल होता जा रहा है। अब कोरोना वायरस के कारण स्थिति और गंभीर हो चुकी है। सेव द चिल्ड्रन के अनुसार इन कारणों से सीरिया में बच्चे कुपोषण का शिकार हो रहे हैं।
अध्ययन के अनुसार 65 फीसदी बच्चों को बीते तीन माह से कोई फल खाने को नहीं मिला है। इसके कारण वे लगातार कमजोर हो रहे हैं। अमरीका समर्थित सीरियन डेमोक्रेटिक फोर्स के नियंत्रण वाले पूर्वोत्तर सीरिया क्षेत्र में एक चौथाई बच्चों ने बीते नौ माह से कोई पौष्टिक खाना नहीं खाया है। माता-पिता के पास मीट,फल और सब्जियां खरीदने के लिए धन नहीं है। ऐसे में चावल और कुछ अहम अनाजों से काम चलाने की कोशिश कर रहे हैं।