आपको बता दें कि अमरीका ने भी ईरान को हमलों का जिम्मेदार ठहराया है। अब सऊदी अरब ने भी यही बात दोहराई है। उधर ईरान इस मामले में किसी भी संलिप्तता से इनकार करता है। क्राउन प्रिंस सलमान ने कहा,” हम इस क्षेत्र में युद्ध नहीं चाहते हैं । लेकिन हम अपने लोगों, हमारी संप्रभुता, हमारी क्षेत्रीय अखंडता और हमारे महत्वपूर्ण हितों के लिए किसी भी खतरे से निपटने में संकोच नहीं करेंगे। ” उन्होंने आगे कहा, “ईरानी शासन ने तेहरान में जापानी प्रधानमंत्री की यात्रा का सम्मान नहीं किया।” सऊदी प्रिंस ने आरोप लगाया कि ईरान ने जानबूझकर जापानी पीएम की यात्रा का मजाक बनाने के लिए इन हमलों को अंजाम दिया। बता दें कि सऊदी अरब के ऊर्जा मंत्री खालिद अल-फलीह ने पहले हमलों के लिए “तेज और निर्णायक” प्रतिक्रिया का आह्वान किया था।
शनिवार को दुनिया की सबसे बड़ी अंतरराष्ट्रीय शिपिंग एसोसिएशन के प्रमुख ने कहा कि कुछ फर्मों ने हमलों के परिणामस्वरूप अपने जहाजों को स्ट्रेट ऑफ होर्मुज और ओमान की खाड़ी में प्रवेश नहीं करने का आदेश दिया है। इससे दुनिया भर में तेल सप्लाई के ऊपर एक नए खतरे का आगाज हुआ है। एक बड़ी तेल शपिंग कंपनी के समुद्री सुरक्षा के प्रमुख जैकब लार्सन ने कहा कि अगर स्थिति बिगड़ती है तो टैंकरों के लिए सैन्य एस्कॉर्ट्स का प्रावधान भी किया जा सकता है।
यूएस ने एक वीडियो जारी कर दावा किया है कि गुरुवार के हमलों के बाद जहाजों आसपास पतवार वाली छोटी नाव में ईरानी सेना को दिखाया गया है। लेकिन इसने संयुक्त अरब अमीरात के क्षेत्रीय जल के भीतर पिछले हमलों में ईरान की कथित भागीदारी के लिए सबूत नहीं दिए हैं। 2017 में राष्ट्रपति डोनाल्ड ट्रंप के पद संभालने के बाद से अमरीका और ईरान के बीच संबंध काफी बिगड़ गए हैं। उन्होंने हाल में परमाणु समझौते को त्याग दिया और ईरान पर कई प्रतिबंध लगा दिए।
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